नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भाजपा के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कथित दुष्कर्म एवं धमकी देने की शिकायत के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के अदालती आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निचली अदालत के प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को बरकरार रखने वाले एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता को दोषी नहीं ठहराया गया था तथा उसके पास कानून के तहत अन्य कानूनी उपाय उपलब्ध थे।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली के एक विशेष न्यायालय के आदेश को उचित ठहराया था, जिसमें एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को उचित ठहराया गया था। इससे पहले विशेष न्यायालय ने हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा था।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 2018 में दिल्ली की एक महिला की शिकायत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हुसैन के खिलाफ यौन उत्पीड़न और धमकी देने के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में बिहार भाजपा के वर्तमान विधान पार्षद हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से संबंधित दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए निचली अदालत के समक्ष सभी लंबित कार्यवाहियों पर भी रोक लगा दी थी कि मामले पर अभी विचार करने की आवश्यकता है।