नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के 3500 किलोमीटर के सफर में उन्हें आम लोगों के हितों की लड़ाई लड़ने की ताकत मिली है जिसमें उन्होंने गरीबों की ढाल बनकर उनके हित में लड़ना सीखा है।
गांधी ने कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरु हुई भारत जोड़ो यात्रा के करीब साढे तीन हज़ार किलोमीटर पैदल यात्रा तय करने की बाद पंजाब से जारी खुले पत्र में आज कहा कि यात्रा में असंख्य लोगों से मिले हैं और इसमें उन्हें समझ आया है कि नफरत और हिंसा के विरुद्ध खड़े होकर उन्हें जन सामान्य की ढाल बनकर लड़ना है।
उन्होंने कहा ”भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे सिखाया है कि मेरे व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन का लक्ष्य एक ही है-हक की लड़ाई में कमजोरों का ढाल बनना और जिनकी आवाज दबाई जा रही है, उनकी आवाज उठाना। नफरत और हिंसा हमारे देश के विकास में बाधक है। मुझे इस बात का विश्वास है कि हम सब समाज में बुराई पैदा करने वाले जाति, धर्म क्षेत्र और भाषा के मदभेदों से ऊपर उठेंगे।
गांधी ने लोगों को निडर होकर काम करने की सलाह देते हुए कहा ‘‘मेरा आप सभी को यही संदेश है कि डरो मत, दिल से डर निकाल दो, नफरत अपने आप खत्म हो जाएगी। एक धर्म को दूसरे धर्म, जाति को दूसरी जाति और एक भाषा को दूसरी भाषा से लड़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश के युवा बेरोजगार है। महंगाई चरम पर है और लगातार बढ़ रही है। चारों तरफ निराशा का माहौल है लेकिन वह आम लोगों के लिए निराशा का कारण बनी इन समस्याओं के खिलाफ निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।
सड़क से लेकर संसद तक प्रति दिन इन बुराइयों के खिलाफÞ लड़ेंगे। गांधी ने कहा ‘‘मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ जहाँ हर एक भारतीय के पास सामाजिक खुशहाली के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि के समान अवसर हों, जहां किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, युवाओं को रोजगार मिले, छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों को प्रोत्साहन मिले, डीजल-पेट्रोल सस्ता हो, रुपया डॉलर के सामने मजबूत हो और गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से अधिक न हो।