देहरादून । समय मांगने के बावजूद जब मुख्यमंत्री कार्यालय से उत्तराखंड कांग्रेस को जोशीमठ मामले में समय नहीं दिया गया ऐसे में मजबूरन उत्तराखंड कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री आवास कूच करना पड़ा।
जानकारी देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बताया की उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ एक प्रतिनिधिमंडल जोशीमठ मामले में सकारात्मक सुझाव देने हेतु कई दिनों से विभिन्न अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने का समय मांग रहा था परंतु लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय टालमटोल कर रहा था। दसौनी ने कहा कि जोशीमठ त्रासदी पर कांग्रेस जन भी उतने ही व्यथित हैं जितना कि सत्तापक्ष।
ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव एवं एक सकारात्मक, रचनात्मक और सहयोगात्मक विपक्ष की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने हेतु उत्तराखंड कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करने के लिए प्रयासरत था, जब 4 दिन का समय बीत जाने के बावजूद समय नहीं मिला तो ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्षुब्ध होकर प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास कूच किया जहां पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग लगाकर कांग्रेस जनों को रोकने का भरसक प्रयास किया महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और काफी देर की मशक्कत के बाद भी जब पुलिस प्रशासन ने कांग्रेस जनों को मुख्यमंत्री आवास जाने की इजाजत नहीं दी तो सभी कांग्रेस जन सड़क पर ही बैठ गए।
इस दौरान पूर्व अध्यक्ष /पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता से विधायक प्रीतम सिंह , द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट , पूर्व विधायक विजयपाल सजवान एवं राजकुमार भी मौजूद रहे। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ,प्रीतम सिंह विजयपाल सजवान, पूरन रावत और गरिमा दसोनी ने वहां एकत्रित कांग्रेस जनों को संबोधित भी किया।
करण महारा ने जोशीमठ से लौटकर वहां की स्थानीय जनता की दुर्दशा पर खेद प्रकट किया।
दोनों ही नेताओं ने जोशीमठ के अपने दौरे के अनुभव कांग्रेस जनों के संग साझा करते हुए इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
प्रीतम सिंह ने कहा की राज्य की भाजपा सरकार की उदासीनता का ही आज परिणाम है कि जोशीमठ की जनता को आज यह दिन देखने पड़ रहे हैं ,उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि इतना सब कुछ बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार चेतने का नाम नहीं ले रही है ।
प्रीतम सिंह ने कहा की जिन परिवारों को शिफ्ट किया जा रहा है उनको पर्याप्त मात्रा में न रसद दिया जा रहा है ना उनके सामान की कोई सुरक्षा की जा रही है उनके बच्चे दूध के अभाव में बिलख बिलख कर रो रहे हैं। सरकार के इंतजाम नाकाफी है।
महारा ने कहा जोशीमठ आपदा पर ना अभी तक कोई कैबिनेट बैठक की गई है ना ही इसे आपदा घोषित किया गया और संवेदनहीनता की हद है की ना ही देश के प्रधानमंत्री ने स्थानीय जनता को सांत्वना देने हेतु जोशीमठ प्रकरण में अभी तक एक भी शब्द ट्वीट नहीं किया है।