साथ ही कंपनी में 18,000 लोगों की छंटनी को कॉरपोरेट वर्क फोर्स के हिसाब से देखें तो यह करीब छह फीसदी होता है। अमेजन में इस वर्क फोर्स की तादाद करीब तीन लाख है। Amazon ने इस छंटनी के फैसले के लिए बढ़ती महंगाई और लागत में बढ़ोतरी को भी जिम्मेदार ठहराया है।
हालांकि, ई-कॉमर्स दिग्गज ने पहले से ही इसका ऐलान किया था, लेकिन तब करीब 10,000 लोगों को निकालने की बात कही गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18,000 कर दिया गया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी रिपोर्ट की मानें तो कंपनी ने बीते साल के नवंबर महीने से ही छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस छंटनी के ऐलान के बाद Amazon ने प्रभावित कर्मचारियों की मदद का भरोसा भी दिलाया है। सीईओ की ओर से कहा गया है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी उन्हें 24 घंटे पहले नोटिस और सेवरेंस पे दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘प्रभावित कर्मचारियों को सेपरेशन पेमेंट के लिए पैकेज का पेमेंट किया जाएगा। इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस और नई जॉब खोजने में भी उनकी मदद की जाएगी’।