वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड द्वारा उत्तराखंड को 30301.42 करोड़ की ऋण की संभाव्यता का आकलन
मुख्यमंत्री द्वारा 2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए मिलकर कार्य करने का आवाहन
देहरादून। नाबार्ड द्वारा 03 जनवरी, 2023 को स्टेट क्रेडिट सेमिनार वर्ष 2023-24 का आयोजन किया गया। सेमिनार में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्टेट फोकस पेपर का विमोचन कृषि मंत्री गणेश जोशी व सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में किया गया।
साथ ही इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव- डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. बीवीआरसी पुरूषोतम, दिलीप जावलकर, भारतीय रिजर्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती लता विश्वनाथ, उत्तराखण्ड बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के समन्वयक, पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष, राज्य सहकारी बैंक की एमडी, सहकारी बैंकों के महाप्रबंधक, वाणिज्यिक बैंकों के क्षेत्रीय प्रभारी, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी, मीडिया, कृषक, नाबार्ड के अधिकारी एवं स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
स्टेट फोकस पेपर में आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य में कृषि, कृषीतर क्षेत्रों, एमएसएमई में ऋण संभाव्यताओं, प्रत्येक क्षेत्र/ उपक्षेत्रों के अंतर्गत बुनियादी ढांचे की स्थिति तथा इनके अंतरालों का समेकित आकलन किया गया है ।
नाबार्ड के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने वक्तव्य में स्टेट फोकस पेपर तथा पीएलपी की पृष्टभूमि पर प्रकाश डाला। डॉ. सुमन ने राज्य की स्थापना से अब तक की विकास यात्रा में नाबार्ड के योगदान को भी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया।
साथ ही उन्होंने राज्य के विकास के लिए आवश्यक कुछ प्रमुख बिंदुओं पर सभी मंचासीन अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किया जिसमें सिंचाई और मशीनीकरण सुविधाओं के मामले में क्षेत्रीय विषमता, उर्वरकों का असंतुलित उपयोग और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी, आवश्यक प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन सुविधाओं की कमी, भंडारण की कमी, खेती के कार्यों के लिए श्रमिकों की कमी, आवारा और जंगली जानवरों का खतरा, जलवायु परिवर्तन आदि अनेक समस्याएं शामिल हैं। साथ ही उन्होंने समावेशी विकास की आवश्यकता पर बल दिया। सीडी रेश्यो बढ़ाने, केसीसी, स्वयं सहायता समूह व एफपीओं को वितीत सहायता प्रदान कराने पर जोर दिया
माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया तथा नाबार्ड द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए क्रेडिट प्लानिंग बनाने पर बधाई दी। नाबार्ड की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा लघु और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास हेतु इस वर्ष करीब रूपये 30301.42 करोड़ की ऋण योजना तैयार की है, जो पिछले साल की तुलना में 6.22 प्रतिशत अधिक है। यह हमारे किसानों, बागवानी तथा छोटे-छोटे उद्योगों में लगे लोगों की आजीविका बढ़ाने में कारगर साबित होगी।
ऋण को सही, जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा। मुख्यमंत्री महोदय ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पूंजीगत निवेश और ऋण के द्वारा ही विकास और उन्नति संभव है।
यह हमारे रिवर्स माइग्रेशन के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा। सरकार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए नाबार्ड का भी लगातार सहयोग मिलता रहता है। पिछले कुछ वर्षों में नाबार्ड ने 4515 परियोजनाओं के लिए 10000 करोड़ से अधिक की सहायता की है।
उन्होंने राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर (2025) राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के एक्पर्ट के साथ मिलकर विकास का रोडमैप तैयार करने की बात कही। माननीय मुख्यमंत्री जी ने बैंकों व राज्य सरकार के विभागों से अनुरोध किया कि स्टेट फोकस पेपर में उठाए सभी मुद्दों पर मिलकर काम करें ताकि एक संगठित प्रयास से राज्य को अधिक उन्नत बनाया जा सके।
मा॰ सहकारिता मंत्री डॉ॰ धन सिंह रावत ने नाबार्ड को बधाई देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित मोबाइल (बैंकिंग) वैन प्रदान करना एक वरदान साबित हुआ है जिसके माध्यम से लॉक डाउन के समय राज्य के सुदूर क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई जा सकीं। उन्होंने राज्य में वित्तीय सेवाओं के बारे में बात करते हुए 2025 तक सहकारी बैंकों के एनपीए (NPA) को जीरो प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता दिखाई।
साथ ही सहकारी समितियों के कंप्यूटरी करण के कार्य को 26 जनवरी 2023 तक पूरा करने की बात कही। राज्य के सभी 13 जिलों में आदर्श सहकारी ग्राम एवं 13 कृषकों को चिन्हित कर, नयी तकनीकी सीखने एवं समेकित विकास की बात सदन के सामने रखी। साथ ही उन्होंने राज्य में नाबार्ड के सहयोग के संचालित कृषक उत्पादक संगठनों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में सहकारिता विभाग, नाबार्ड के सहयोग से और अधिक एफपीओं का गठन करेगा।
माननीय कृषि मंत्री गणेश जोशी ने स्टेट क्रेडिट सेमिनार के आयोजन के लिए नाबार्ड को बधाई दी तथा नाबार्ड के सभी विकासपरक कार्यों की प्रशंसा की। किसानों के उत्पादों से बिचौलियों को दूर रखने तथा वेल्यू एडिशन करने पर जोर दिया।
उत्तराखण्ड की तुलना स्विटजरलैंड से करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा राज्य किसी भी तरह से स्विटजरलैंड से कम नहीं है। उन्होंने राज्य में कृषि विकास के लिए उनकी दूरगामी परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला। साथ ही कृषि बीमा, पलायन को रोकने, मैदानी तथा पर्वतीय क्षेत्रों की आय में असमानता को दूर करने एवं अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को ध्यान में रखते हुए राज्य के मोटे अनाज मंडवे के उत्पादन को बढाने पर जोर दिया।
सेमिनार में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक श्री लता विश्वनाथ ने कहा कि नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर को अथक मेहनत से तैयार किया है तथा जो योजनाएं प्रस्तुत की हैं उन पर कार्यान्वयन करने की जिम्मेदारी अब सभी बैंकों की है।
चर्चा सत्र के दौरान उत्तराखण्ड उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, कृषि निदेशक, निदेशक उद्यान एवं महाप्रबंधक, पीएनबी ने अपने विचार साझा किए।
सेमिनार में सुनील कौशिक, महाप्रबंधक ने प्रजेंटेशन के माध्यम से स्टेट फोक्स पेपर में वर्णित विभिन्न बिदुओं पर चर्चा की तथा नाबार्ड के कई पहलू रखे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रीति टोलिया ने किया। अंत में उप महाप्रबंधक निर्मल कुमार ने सेमिनार में भाग लेने वाले सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।