नई दिल्ली। कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक्सबीबी सब-वैरिएंट भारत में तेजी से प्रमुख प्रकार के रूप में उभर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, एक्सबीबी सब-वैरिएंट अमेरिका में भी 18 प्रतिशत से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एक्सबीबी एक पुनसंर्योजित सब-वैरिएंट है, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट बीए.2.10.1 और बीए.2.75 का एक सब-वैरएिंट है, जिसका अर्थ है कि यह कोविड-19 ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक सब-वैरिएंट है, कोई नया वैरिएंट नहीं है। डब्लूएचओ का कहना है कि इस को लेकर आगे के अध्ययन की जरूरत है, वर्तमान डेटा यह सुझाव नहीं देता है कि एक्सबीबी संक्रमणों के लिए बीमारी की गंभीरता में पर्याप्त अंतर हैं।
हालांकि, शुरुआती एविडेंस अन्य सकुर्लेटिंग ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में उच्च पुन संक्रमण जोखिम की ओर इशारा करते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक, अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट छूट प्राप्त प्रतिक्रियाओं से बचने का समर्थन करने के लिए कोई डेटा नहीं है। इसके अलावा, वर्तमान में कोई महामारी विज्ञान प्रमाण नहीं है जो इन सब-वैरिएंट को इशारा करता है कि अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक्सबीबी का वैश्विक प्रसार 1.3 प्रतिशत है और इस वैरिएंट की दुनिया के 35 देशों में पुष्टि हो चुकी है। भारतीय एसएआरएस सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के अनुसार, भारत के मरीजों में यह बीमारी अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तरह हल्की है। इसकी गंभीरता में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।
इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन का नया एक्सबीबी सब-वैरिएंट पांच गुना से अधिक खतरनाक है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय न इसे दावे को खारिज कर दिया है और वायरल मैसेज को फेक बताया है।