शिमला। हिमाचल के सीएम सुक्खू ने कहा कि नशा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। उसके लिए हम बजट सत्र में नशे के खिलाफ सख्त कानून लाने जा रहे हैं। हमने प्रक्रिया शुरू कर दी है। युवाओं के भविष्य को बर्बाद नहीं होने देंगे।
सुक्खू ने कहा कि अगले 60 दिनों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी। जेओए आईटी पेपर लीक मामले पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को दिल्ली से लौटने के बाद शिमला में पहली बार मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि 12 दिसंबर को एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की ओर से चल रही या होने वाली भर्तियों को फिलहाल रोक दिया गया है।
आगे की भर्ती परीक्षाएं कैसे पारदर्शिता से करवाई जाए, सरकार इस पर अध्ययन कर रही है। हमारी सरकार का दृष्टिकोण साफ कि मेरिट को इग्नोर न किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को कहा था कि इस तरह के मामलों पर नजर रखें। पुलिस अधिकारियों ने जाल बिछाया और मामले को पकड़ा।
सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने युवाओं को विश्वास दिलाया था कि जितने भी घोटाले नौकरियों से संबंधित हो रहे हैं उन्हें सामने लाया जाएगा। इस पर हमारी सरकार ने काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि आरोपी महिला कर्मचारी के घर से जूनियर आडिटर भर्ती के प्रश्नपत्रों के तीन सेट भी मिले जिसकी परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई थी।
साथ ही एक जनवरी 2023 को प्रस्तावित कंप्यूटर आपरेटर भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र भी लीक हो चुका था। इसके अलावा 6.40 लाख रुपये आरोपी महिला कर्मी के घर से मिले। जो भी अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अधिकारी थे, उनका ब्योरा मांगा गया है। इस दृष्टि से एक एसआईटी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भर्तियां पारदर्शिता से की जाए, कोई भाई-भतीजावाद न हो।
उनका कहना था कि दुख की बात है कि पूर्व भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आंखें मूंद लीं जिससे करीब 14 लाख बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा हुआ है। इसलिए हमने फैसला लिया है कि अगले 60 दिनों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी। जो भी पेपर लीक में संलिप्त होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पिछली सरकार की भी गलतियां थीं। श्री सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में कुछ और सनसनीखेज जानकारी सामने लाई जाएगी।