नयी दिल्ली। अमेरिका में बर्फीले तूफान से अब तक 30 की मौत हो चुकी है। तापमान शून्य से 42 डिग्री नीचे तक पहुंचने से सड़कों पर बर्फ जम गयी है। कई शहरों की बिजली गुल है और एयरपोर्ट के रनवे पर बर्फ जमने से 12 हजार फ्लाइट्स निरस्त हो चुकी हैं। बर्फीले तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
अमेरिका की नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक इस समय अमेरिका की 60 प्रतिशत आबादी यानी बीस करोड़ से ज्यादा लोग ठंड की भयावहता की चपेट में हैं। इनमें से साढ़े छह करोड़ लोग तूफान के कहर का सीधे सामना कर रहे हैं और पांच लाख लोग तो गंभीर बर्फीले तूफान की चपेट में आ चुके हैं। 17.7 करोड़ आबादी के लिए सर्द हवाओं की चेतावनी जारी की गयी है, 1.1 करोड़ लोग बर्फीले तूफ़ान का सामना करने को विवश हैं। तापमान तेजी से गिरने के बाद भारी ठंड से 34 लोगों की मौत हो चुकी है। सड़कों पर भारी बर्फ के चलते एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
इस तूफान से बिजली की लाइनों को बेहद नुकसान होने के कारण कई शहरों में बिजली गुल है।भारी बर्फबारी की वजह से कई जगह बिजली की हाईटेंशन लाइनों में स्पार्किंग हुई। इसके बाद बिजली की सप्लाई ठप हो गई और कई शहर अंधेरे में डूब गए।
पूरे अमेरिका में हजारों कारोबारियों का कामकाज ठप हो गया है। कई शहरों में तापमान शून्य से 42 डिग्री नीचे तक पहुंच गया है। मोंटाना शहर में पारा -42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बफेलो में 8 फीट बर्फ की चादर बिछ गई। हवाई अड्डों के रनवे बर्फ में दब चुके हैं। इस कारण पिछले चार दिनों में 12 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स निरस्त करनी पड़ी हैं।