नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राशन के लिए गरीबों को एक भी रुपये नहीं देना होगा। इस योजना पर सरकार हर साल 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3,2,1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है। सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त मिलेगा।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि सितंबर में सरकार ने इस योजना की समयसीमा को तीन महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। कोविड के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह योजना लाई गई थी। बीते 28 महीने में सराकर ने गरीबों को मुख्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए।