लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ाना है तो कृषि विकास की दर को वर्तमान दर से दोगुना करना होगा जिसमें कृषक उत्पादन संगठनों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी।
पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की जयंती के मौके पर योगी ने किसानो को संबोधित करते हुये कहा कि देश की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है तो 11 प्रतिशत कृषि भूमि है। यह देश में सबसे उर्वरा भूमि है। सबसे अच्छा जल संसाधन भी हमारे पास है।
पूरे देश के कुल खाद्यान्न का 20 फीसदी उत्तर प्रदेश से आता है। अगर हम अपने संसाधनों का सही नियोजन कर लें तो हम इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसमें कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की भूमिका अहम होगी।
किसान सम्मान दिवस के अवसर पर योगी ने एफपीओ के उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और कृषकों, कृषि उद्यमियों व कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।
उन्होने कहा ‘‘ हम सब जानते हैं कि आजादी के तत्काल बाद चौधरी साहब ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि भारत को दुनिया की एक ताकत के रूप में उभरना है तो देश के अंदर खेती और किसानी पर ध्यान देना होगा। भारत के विकास का मार्ग खेत और खलिहान से निकलेगा। उनके इस दूरदर्शी दृष्टि आजाद भारत के किसानों और किसान परिवारों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में है।
श्री योगी ने कहा, चौधरी जी के सपनों को साकार करने के लिए और अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए, उनकी आमदनी को दोगुना करने के लिए 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने कई कार्यक्रम प्रारंभ किए। जो धरती माता हम सबको पेट भरने और स्वावलंबन व सम्मान का आधार बनती है उस धरती माता की सेहत की रक्षा के लिए स्वाइल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था प्रारंभ की। पहली बार फसल किसान बीमा योजना की शुरुआत हुई।
योजनाओं की शुरुआत के साथ उनका सही तरह से क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया गया। प्रदेश में किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विगत साढ़े 5 वर्ष में हमने कई कार्यक्रम प्रारंभ किए। सबसे पहले मार्च 2017 में 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए कर्ज माफी के कार्यक्रम को अपने हाथों में लिया।
लगभग 22 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई। पीएम किसान सम्मान निधि हो या लागत का डेढ़ गुना एमएसपी लागू करने का कार्य हो, ये सभी प्रभावी ढंग से लागू हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अंदर 2.60 करोड़ किसानों के खाते में अब तक 51 हजार करोड़ रुपए की राशि भेजी जा चुकी है।