दो समुदायों को जनजाति का दर्जा देने वाले विधेयक पर संसद की मुहर

नयी दिल्ली।  कर्नाटक की काडूकुरबा और बेटाकुरबा समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 में संशोधन करने वाला संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथे संशोधन) विधेयक 2022 आज राज्यसभा से पारित हो गया।

लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है । इस तरह से इस पर आज संसद की मुहर लग गयी। जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा ने सदन में विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि अलग अलग राज्यों के लिए अलग अलग समुदायों को अनुसूचित जन जाति में जोड़ने के लिए सरकार पृथक पृथक विधेयक ला रही है ताकि अलग अलग राज्यों में इसे क्रियान्वित करने में आसानी हो।

बाद में सभी समुदायों की राष्ट्रीय स्तर पर एक समग्र सूची तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आदिवासी समुदाय के छात्रों के हितों पर विशेष ध्यान दे रही है। श्री मुंडा ने कहा कि आदिवासियों को सीधा उनका लाभ दिया जा रहा है और इसमें कहीं भी वोट बैंक की राजनीति नहीं हो रही है।

मोदी सरकार आदिवासियों के हितों के लिए बराबर काम कर रही है और उनके सामने जो भी चुनौतियां होती हैं उनके समाधान का सरकारी स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस पर अपने विचार रखे।

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