लखनऊ । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भीषण ठंड में ठिठुरते गरीबों के प्रति उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार संवेदनशील नहीं है और कई सार्वजनिक स्थलों पर गरीब और निराश्रित लोगों को ठिठुरते देखा जा सकता है।
यादव ने जारी बयान में कहा कि शीतलहर ने गरीबों के लिए और ज्यादा मुसीबतें खड़ी कर दी है। अस्पतालों और रेल-बस स्टेशनों पर तमाम लोग बिना किसी आश्रय के ठंड में रात भर ठिठुरते रहते है। दिन प्रतिदिन बिगड़ते हालात के बावजूद प्रशासकों की संवेदनाएं नहीं जाग रही हैं।
उन्होने कहा कि शीत के प्रकोप से कंपकंपाते हजारों लोग प्रदेश में जीवन भरण के लिए संघर्ष में राते काट रहे हैं। अभी तक प्रशासन की ओर से अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं नज़र आ रही है। गरीबों को समय से कम्बल बांटने का काम भी नहीं शुरू हो पाया है। जब लोग ठंड से ठिठुरने लगे हैं तब कम्बल खरीद का आदेश जारी हो रहा है।
यह खरीद कब होगी और इसमें कम्बलों की गुणवत्ता का क्या हाल होगा, कहा नहीं जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ में नगर निगम और कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने चंद रैनबसेरा खोल दिए हैं लेकिन इनमें गिनी चुनी संख्या में ही लोग आश्रय पर आ सकते हैं।
अस्पतालों में बड़ी संख्या में तीमारदार खुले में पेड़ों के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। कई रैन बसेरों में तो ठंड से बचाव के लिए रजाई-गद्दे भी नहीं मिल पा रहे हैं। लोग खुद अपने कम्बल ला रहे हैं।
उन्होने कहा कि कोहरे के कारण हो रहे हादसों के लिये भाजपा सरकार और प्रशासन की लापरवाही भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। भाजपा सरकार गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कोई काम नहीं कर रही है। भाजपा की सरकार तो संवेदनशून्य बनी हुई है।