हैदराबाद । केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने यहां राष्ट्रीय औषधि शिक्षा तथा अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) की 100 करोड़ की निर्माण योजना का अनावरण किया।
डॉ मंडाविया ने शनिवार को इस अवसर पर बोलते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि यह परिसर स्थायी गुणवत्ता और अनुसंधान के लिए एक मील का पत्थर होगा, जो अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिमाग को प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे उद्योग और शिक्षा जगत को भी बहुत लाभ होगा क्योंकि गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों के साथ-साथ वे नवीनतम उपकरणों का भी उपयोग कर सकते हैं और संकाय और विद्वानों के साथ सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि 100 करोड़ की निर्माण योजना पहले चरण के साथ शीघ्र ही शुरू होगी, जिसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
एनआईपीईआर में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त विश्लेषणात्मक परीक्षण प्रयोगशाला और चिकित्सा उपकरण प्रयोगशाला का भी उद्घाटन करते हुये केंद्रीय मंत्री ने कहा,चिकित्सा उपकरण सरकार के मुख्य फोकस क्षेत्रों में से एक हैं, जिसमें जबरदस्त गुंजाइश है क्योंकि यह क्षेत्र वास्तव में भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है।
मंडाविया ने कहा कि उद्यमियों को इस तरह की परीक्षण सुविधा के लिए सभी उच्च-स्तरीय उपकरणों से सुसज्जित होना बेहद उपयोगी लगेगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की स्टार्टअप इंडिया योजना के विजन के अनुरूप है, जो फार्मास्युटिकल शोध और विकास में उद्यमिता को बढ़ावा देती है। आईडीपीएल, बाला नगर में स्थित यह संस्थान भारतीय सार्वजनिक दवा अनुसंधान विश्वविद्यालय, देश में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत स्थापित सात स्कूलों में से एक है।
फार्मास्यूटिकल साइंस में मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करने वाला यह संस्थान भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए मानव संसाधन विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। संस्थान ने एएमटीजेड ,विजाग के साथ सहयोग करके चिकित्सा उपकरणों के विकास में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक सराहनीय पहल की है।