नयी दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख को बॉम्बे उच्च न्यायालय से मिली जमानत को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय चुनौती दी। श्री देशमुख (73) पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप हैं।
वह एक साल से अधिक समय से मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ ने 12 दिसंबर को पूर्व गृह मंत्री देशमुख को उनकी अधिक उम्र एवं खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी थी। पीठ ने देशमुख की जमानत के खिलाफ अपील करने के लिए सीबीआई को 10 दिनों का समय भी दिया था।
एकल पीठ ने अपने आदेश में देशमुख को एक लाख रुपये का जमानत मुचलका भरने का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा था कि उसका यह आदेश 10 दिनों के बाद प्रभावी होगा, क्योंकि सीबीआई ने जमानत के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में अपील करने के लिए समय देने की गुहार लगाई थी।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने देशमुख की अधिक की उम्र और अन्य बीमारियों के मद्देनजर उनकी दलीलों पर विचार करने के बाद जमानत की अर्जी मंजूर की। राकांपा नेता देशमुख 02 नवंबर 2021 से न्यायिक हिरासत में आर्थर जेल में बंद हैं। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 21 अक्टूबर को इसी मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।