इस वर्ष शीतकाल में साढ़े बारह हजार तीर्थयात्री पहुंचे बदरी- केदार
गंगोत्री-यमुनोत्री में भी शीतकालीन पूजा
देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा समापन के पश्चात श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ धाम सहित गंगोत्री यमुनोत्री के शीतकालीन पूजा स्थलो में शीतकालीन यात्रा सर्किट हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष रूप से प्रयासरत रहे हैं।
वहीं प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सहित श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन यात्रा को गति दिये जाने पर जोर दिया है।
श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ धाम के शीतकालीन पूजास्थलों में अभी तक साढें बारह हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए है श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के अंतर्गत शीतकालीन पूजा स्थल योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर मेंदिनांक 21 नवंबर से 13 दिसंबर तक तीर्थयात्रियों की संख्या 75 रही है।
वहीं श्री नृसिंह मंदिर/ आदिगुरु शंकराचार्य जी गद्दी स्थल जोशीमठ में दर्शन हेतु 21 नवंबर 2022 से 13 दिसंबर तक – 978 तीर्थयात्री पहुंचे। बताया कि अभी तक श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ तथा योग बदरी पांडुकेश्वर में कुल 1053 तीर्थयात्री पहुंच गये है।
श्री केदारनाथ धाम तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ
29 अक्टूबर 2022 से 14 दिसंबर 2022 तक कुल 11641 तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। जिसमें श्री मद्महेश्वर मेले के 7447 तीर्थयात्री भी शामिल हैं श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ के शीतकालीन पूजा स्थलों में पहुंचे तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 12694 आंकी गयी।
मीडिया प्रभारी ने बताया कि”श्री यमुनोत्री मंदिर समिति” से प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 अक्टूबर 2022 कपाट बंद होने से वर्तमान तक मां यमुना जी के शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली ( खुशीमठ ), शनिदेव मंदिर तथा श्री गंगोत्री धाम “श्री गंगोत्री मंदिर समिति” से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं दिनांक 26 अक्टूबर 2022 कपाट बंद होने से वर्तमान तक मां गंगा जी के शीतकालीन प्रवास मुखबा ( मुखीमठ ) में संचालित हो रही है।