देहरादून।राज्य में महामारी जनित रोगों पर निगरानी, त्वरित रोकथाम व नियंत्रण हेतु कुमाऊँ एवं गढ़वाल मंडल के जनपद व ब्लॉक स्तरीय चिकित्साधिकारियों के लिए इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) द्वारा राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 12 से 15 दिसंबर तक देहरादून में किया जा रहा है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड ने बताया कि उत्तराखंड राज्य भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भूस्खलन, बाढ़, भूकंप आदि विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से ग्रसित रहता है जिससे संक्रामक, जलजनित व वेक्टर जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया के महामारी के रूप में प्रसारित होने की संभावना रहती है।
साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण भी विभिन्न रोगों के प्रसारित होने की संभावनाएं होती है। डॉ. नैथानी द्वारा जानकारी दी गयी कि उक्त चुनौतियों से निपटने एवं संक्रामक रोगों पर निगरानी, त्वरित रोकथाम व नियंत्रण हेतु चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाना अतिमहत्वपूर्ण है, जिसके लिए इस तरह की कार्यशाला एक मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यशाला के दौरान आई०डी०एस०पी० के राज्य नोडल अधिकारी डॉ पंकज कुमार सिंह द्वारा जानकारी दी गयी कि आईडीएसपी कार्यक्रम के अंतर्गत इंटीग्रेटेड हेल्थ इनफार्मेशन प्लेटफार्म (आई०एच०आई०पी०) पोर्टल संचालित किया जा रहा है। आईएचआईपी एक वेब-सक्षम इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्रणाली है जिसके द्वारा वास्तविक समय आधार पर संक्रामक रोगों का डाटा संग्रह, निगरानी और प्रभावी निवारक व नियंत्रण उपायों को आउटब्रेक नियंत्रण के लिये समय पर किया जा सकता है।
उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), दिल्ली के मास्टर प्रशिक्षक डॉ रोवंती व श्रीमती पल्लवी लूथरा; दून मेडिकल कॉलेज के मास्टर प्रशिक्षक डॉ शिव कुमार यादव व डॉ सुनील, इमरजेंसी मैनेजमेंट टीम से डॉ अखिलेश त्रिपाठी एवं श्री प्रदीप, डाटा मैनेजर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।