प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आध्यात्म के बिना धर्म का अस्तित्व नहीं है। सभी धर्मों में आचरण का पालन करना जरूरी बताया गया है। आध्यात्म ही सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद के अलोपीबाग स्थित ज्योतिष्पीठ के पीठोद्धारक ब्रह्मलीन सरस्वती के 150वें जन्मोत्सव के तहत आयोजित आराधना महोत्सव में श्री भागवत ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा कि अध्यात्म के बिना धर्म का कोई अस्तित्व नहीं है। सभी धर्मों में आचरण का पालन करना बताया गया है। उन्होने कहा कि आध्यात्म ही सबको साथ लेकर चलने की प्रेरणा देता है।
अभी तक जितने भी महापुरुष हुए हैं उनका नाम और काम भले ही अलग-अलग रहा हो लेकिन सभी के आधार में आध्यात्म अवश्य रहा। ऐसे लोगों के पथ पर हमें कदम बढ़ाना होगा। इसके पूर्व संघ प्रमुख ने आराधना महोत्सव का शुभारंभ किया। संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य को आध्यात्म से जुड़ा रहना होगा। आध्यात्म से हमें उचित मार्गदर्शन मिलता है अन्यथा मनुष्य भटकने लगता है और उसे अपनी बुद्धि, अपना विचार और अपना कार्य ही श्रेष्ठ लगने लगता है। उन्होंने कहा, संतों और आचार्यों का स्मरण एक साधना है।