उज्जैन। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में जो भी व्यक्ति या उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ”पूजा” कर रहा है, उन्हें सबकुछ मिल रहा है। लेकिन वास्तविक तपस्वियों जैसे किसान, श्रमिक, युवा और छोटा व्यवसाय करने वालों का हक छीना जा रहा है।
गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के तहत मध्यप्रदेश के उज्जैन में शाम को जनसभा को संबोधित किया। इसके पहले उन्होंने उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन किए। जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत ”जय महाकाल” के साथ की। लगभग 25 मिनट के भाषण में गांधी ने कहा कि महाकाल मंदिर भगवान शिव का है।
भगवान शिव के अलावा श्रीराम और श्रीकृष्ण समेत सभी ने तपस्या की। इसी तरह हमारे देश में भी किसान, श्रमिक, युवा, छोटे और मंझौले व्यापारी व्यवसायी और मीडिया के साथी भी प्रतिदिन तपस्या कर रहे हैं। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इन तपस्या करने वालों का हक छीन रही है और इनकी जेब से पैसा निकालकर देश के दो चार पांच बड़े उद्योगपतियों को दे रही है।
गांधी ने कहा कि देश के जो प्रमुख चार पांच उद्योगपति हैं, वे श्री मोदी की पूजा करते हैं। इन उद्योगपतियों को सबकुछ दिया जा रहा है। इनके हवाले हिंदुस्तान का पूरा धन किया जा रहा है। रेलवे, बंदरगाह, हवाईअड्डे, सड़कें, बिजली और पानी सब कुछ इनके हवाले किया जा रहा है।
मोदी सरकार ने बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही नोटबंदी की। जीएसटी लागू किया। कोविड संकटकाल के दौरान भी मोदी सरकार की नीतियां गरीबों के हित में नहीं थीं। इस तरह देश की रीढ़ तोड़ दी गयी है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कन्याकुमारी से 80 दिन से अधिक समय पहले शुरू हुयी उनकी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वे अब तक 2000 से अधिक किलोमीटर चल चुके हैं।
लेकिन इसे तपस्या नहीं मानते हैं। आज के असली तपस्वी वे किसान, श्रमिक, युवा और छोटे व्यापारी हैं, जो प्रतिदिन तपस्या कर रहे हैं। लेकिन उन्हें तपस्या का फल नहीं मिल रहा है। गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा करना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ऐसा नहीं कर रही है। वह तो आज के तपस्वियों को चोट पहुंचा रही है। किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। उर्वरक नहीं मिल रहा है। मिलता है, तो काफी महंगा है।
पेट्रोल भी बहुत महंगा कर दिया गया है। युवाओं को रोजगार नहीं दिए जा रहे हैं। युवा नौकरी के लिए परीक्षा देते हैं, तो व्यापमं जैसा घोटाला हो जाता है। बच्चे बड़ी बड़ी डिग्रियां हासिल कर रहे हैं, इसके बावजूद वे मजदूरी जैसे कार्य करने विवश हैं।
गांधी ने कहा कि वे मीडिया की बात भी करना चाहते हैं। मैदान में काम करने वाले मीडिया कर्मचारी सच देख रहे हैं और वे जनता के सामने इसे लाना भी चाहते हैं, लेकिन उनके पीछे भी लगाम लगी हुयी है। यह लगाम वे लोग थामे हुए हैं, जो श्री मोदी की पूजा कर रहे हैं। यही हो रहा है देश में।