नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने हर स्कूल में किशोरियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को अपना पक्ष रखने को कहा।
शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में मदद करने को कहा। याचिका में दावा किया गया है कई शिक्षण संस्थानों में बुनियादी शौचालय सुविधाओं की कमी के कारण छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
याचिका में कहा गया,‘‘दुनिया भर में, तीन में से एक लड़की को अपर्याप्त स्वच्छता का सामना करना पड़ता है जबकि कई अन्य को अपने मासिक धर्म के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक बंधनों का सामना करना पड़ता है।
याचिका में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि उचित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन सुविधाओं की कमी के कारण लगभग 2.3 करोड़ लड़कियां सालाना स्कूल छोड़ देती हैं।