श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का प्रचार- जनसंपर्क कार्यालय बंद, भड़का जनाक्रोश
धर्मस्व विभाग भी खामोश
देहरादून । सदियों से चारधाम यात्रा के शुरूआती केंद्र तीर्थ नगरी ऋषिकेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के 50 वर्ष से चल रहे। प्रचार-प्रसार, जन संपर्क कार्यालय को बंद कर दिया गया है जबकि केनाल रोड देहरादून मंदिर समिति अध्यक्ष का आफिस धड़ल्ले से चल रहा है।
मीडिया कार्यालय श्रीनगर,विधि अधिकारी कार्यालय चमोली सहित अतिरिक्त कार्यालय संचालित हो रहे है। कई अभियंताओं को यह भी छूट है वह जहां चाहे जहां अपना कार्यालय बना दें। विगत दिनों 70 कर्मियों स्थानांतरण में घोर अनियमितता का आलम यह है कि कई प्रभावशाली कर्मचारियों अधिकारियों को स्थानांतरण की लिस्ट में तो रखा गया है लेकिन स्थानांतण के कालम में उनको यथावत दिखाया गया है।
देहरादून कार्यालय में मंदिर समिति ने अपने खास लोगों को बिठाया है।
इस संबंध में कई धार्मिक संगठन मुख्यमंत्री दरबार में जाने की तैयारी कर रहे है।
ऋषिकेश में मंदिर समिति का कोई संपर्क कार्यालय न होने से तीर्थ नगरी में जनाक्रोश है। श्री बदरीनाथ धाम के फूलों से श्रृंगार से लेकर , राशन , पूजा सामग्री, दान, कपाट खुलने की तिथि तय होने के कार्यक्रम, तीर्थयात्रियों से संपर्क, मीडिया संबंधित कार्य यहां से संचालित होता है। ऋषिकेश के दानीदाताओं द्वारा श्री बदरीनाथ धाम का श्रृंगार किया जाता है। केदारनाथ धाम को फूल पहुंचाये जाते है। राशन सब्जी, पूजा सामग्री तक ऋषिकेश कार्यालय के माध्यम से मंदिर समिति को दी जाती है।
इस बार कार्यालय बंद होने तथा ऋषिकेश में मंदिर समिति के किसी सक्षम अधिकारी के न बैठने से श्री बदरीनाथ धाम का सैकड़ो क्विंटल फूलों को वाहन से पहुंचाने आदि की अनुमति पत्र आदि के लिए श्री बदरीनाथ पुष्प श्रृंगार समिति के दानीदाताओं भटकना पड़ा। जिसकी मंदिर समिति को परवाह नहीं रही।
प्राचीन काल की बदरी-केदार पैदल यात्रा मे तीर्थनगरी ऋषिकेश अहम रही है।
अफसोस की बात है कि जहां देश विदेश में धार्मिक संस्थाओं के कार्यालय खोले गये हैं वहीं मंदिर समिति में क्षेत्रवाद एवं भाई-भतीजावाद की हवा हावी है बचाखुचा ऋषिकेश का प्रचार-जनसंपर्क कार्यालय पर भी ताला लगा दिया गया है।
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मंदिर समिति मितव्ययता करना चाहती है मंदिर समिति में कई गुना अतिरिक्त स्टाफ बैक डोर से भरा गया है वह मंदिर समिति को नहीं दिखाई दे रहा है। मंदिर समिति को देहरादून से लेकर रामनगर, लखनऊ, महाराष्ट्र, बदरीनाथ, जोशीमठ की करोड़ों अरबों रूपये की जमीनों पर अवैध कब्जे नहीं दिखाई दे रहे है इसके बावजूद साथ दशकों से चल रहे कार्यालय को बंद किया जाना औचित्य से परे है।
ज्ञात हुआ है कि मंदिर समिति ऋषिकेश के प्रचार जनसंपर्क एवं मीडिया कर्मियों का स्थानांतरण जोशीमठ कार्यालय में कर दिया गया है।
ऋषिकेश में ही मंदिर समिति का संपर्क कार्यालय स्थित रहा है यहां से भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तैयारी सहित भोग, पूजा, पुष्प आदि सामग्री पहुंचाई जाती है। डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की तेल कलश यात्रा का भी अहम पड़ाव है।
देश विदेश के तीर्थयात्रा इसी कार्यालय से यात्रा संबंधित जानकारी प्राप्त करते है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भरत मंदिर ट्रस्ट ने श्री बदरी- केदार मंदिर समिति को चंद्रभागा स्थित भूमि प्रचार कार्यालय को ही दी है। वहीं अब मंदिर समिति विश्राम गृह को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में मंदिर समिति द्वारा दानी दाता के संकल्प को मंदिर समिति द्वारा मालिक बन कर बदला जा रहा है जोकि समझ से परे है इस संबंध में कुछ वर्ष पहले भी ऐसी कोशिश हुई थी जिस पर भरत मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति की थी। वर्ष 2005-06में भी मंदिर समिति के प्रचार कार्यालय ऋषिकेश को समाप्त करने की कोशिश हुई तब दानी दाता भरत मंदिर ट्रस्ट के कहने पर समिति पीछे हटी थी।
दान की धन संपदा तथा मुकेश अंबानी की दानकी गाड़ियों में ठाटबाट करने वाले मंदिर समिति के पदाधिकारी अब यह भूल रहे है कि श्री बदरीनाथ केदारनाथ किसी क्षेत्र विशेष के तीर्थ नही बल्कि यहां से देश विदेश के लोग जुड़े है। यहां आनेवाला चढावा किसी मंदिर समिति पदाधिकारी के कहने से नहीं आता यह तो सनातन आस्था है अत:श्री बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव ऋषिकेश स्थित कार्यालय को अधिक शसक्त किया जाये कई धार्मिक संगठनों ने ऋषिकेश में श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति का प्रचार- जनसंपर्क कार्यालय बंद करने पर आक्रोश जताया है
प्रदेश के पर्यटन धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज भी चारधाम यात्रा की दृष्टि से ऋषिकेश में मंदिर समिति का कार्यकाल जरूरी समझते है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट अध्यक्ष भाजपा मंदिर समिति के ऋषिकेश कार्यालय को बंद किये जाने पर कहा कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा का मुख्य केंद्र है अत: वह शीघ्र मंदिर समिति से बात करेंगे।
शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश तीर्थ नगरी चारधाम यात्रा का मुख्य केंद्र है।सभी धार्मिक संस्थाओं के कार्यालय अस्तित्व में रहने चाहिए।
पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने कहा कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति कार्यालय को यथावत रखा जाये। भरत मंदिर ट्रस्ट ऋषिकेश के महंत वत्सल प्रपन्न शर्मा ने कहा कि दानी दाता ने जिस प्रयोजन हेतु भूमि दान दी है मंदिर समिति भूमि प्रयोजन नहीं बदल सकती नहीं दानकी भूमि निजी हाथों में देना चाहिए। क्योंकि मंदिर समिति का उद्देश्य धन कमाना नहीं बल्कि यात्रियों की सेवा है।
महंत विनय सारस्वत ने भी कहा कि तीर्थनगरी में बदरी-केदार मंदिर समिति का कार्यालय बना रहना चाहिए। श्री बदरीनाथ धाम यात्रा से जुड़ी शीर्ष संस्था श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष विनोद डिमरी ने बदरीनाथ धाम यात्रा के मुख्य पड़ाव ऋषिकेश में प्रचार- जनसंपर्क कार्यालय बंद किये जाने को अधोगामी कदम बताया है कहा कि अन्य शहरों में भी मंदिर समिति कार्यालय खुलने चाहिए न कि कोई संपर्क कार्यालय बंद होना चाहिए कहा कि अति शीघ्र ऋषिकेश कार्यालय को पूर्ववत खोला जाये।
श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष राकेश बर्थवाल ने कहा ऋषिकेश में मंदिर समिति कार्यालय बंद होने से सेवा कार्य में दिक्कत होती है। इसके अलावा समाज सेवी राजेसिह नेगी, समाजसेवी एवं उजपा नेता कनक धनाई ने श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा तीर्थनगरी से प्रचार- जनसंपर्क कार्यालय हटाने की भर्त्सना की है।
कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसे मामलों में संज्ञान लेना चाहिए।
खास बात यह है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी, भरत मंदिर ट्रस्ट ऋषिकेश के महंत श्री वत्सल प्रपन्न शर्मा ,महंत विनय सारस्वत तथा श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष राकेश बर्थवाल सहित कई धार्मिक महंत ऋषिकेश में ही मंदिर समिति के प्रचार दफ्तर के पक्ष में हैं।