नयी दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने आज कहा कि समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि के लिए बेहद जरूरी है और देशों के बीच परस्पर सहयोग और संपर्क इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
एडमिरल हरिकुमार ने बुधवार को यहां नौसेना द्वारा आयोजित हिन्द प्रशांत क्षेत्रीय संवाद में हिस्सा लेते हुए कहा कि यदि हम सामान्य सुरक्षा स्थिति और विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा की बात करें तो पारंपरिक टकराव की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता और साथ ही नियम आधारित व्यवस्था के पालन को लेकर भी खतरा बढा है।
उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में आतंकवाद और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रसार ने भी सुरक्षा के माहौल को जटिल बना दिया है। वैश्विक परिस्थितियों के चलते क्षेत्र में क्षेत्रीय तथा क्षेत्र से बाहर के समुद्री सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढी है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र का महत्व बढ गया है और यह कहा जा सकता है कि शांतिपूर्ण समुद्री क्षेत्र हिन्द प्रशांत की समृद्धि के लिए जरूरी है।
इस स्थिति से निपटने के लिए देशों के बीच सहयोग तथा संपर्क को बढाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारतीय नौसेना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘सागर’ को आधार मानती है जो ‘क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास’ के सिद्धांत पर टिकी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना सुरक्षा भागीदार के रूप में काम करते हुए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए आगे बढकर पहल करती है। समुद्री क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये केवल भारत के लिए ही नहीं हैं बल्कि अन्य देशों के लिए भी हैं।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी कहा कि भारत बदलती परिस्थितियों में खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने नौसेना से समुद्री क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मामलों में अपनी क्षमता बढाने को भी कहा। उन्होंने भारत की समुद्री परंपराओं को फिर से मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी जोर दिया।