जी-20 के समापन में बोले पीएम, वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनेगा भारत

बाली ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन के अवसर पर वर्ष 2022-23 के लिए विश्व के आर्थिक रूप से समर्थ 20 देशों के इस शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता ग्रहण की और कहा कि भारत समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और परिणामोन्मुखी नेतृत्व के साथ जी-20 को नए विचारों की परिकल्पना और सामूहिक प्रयासों को गति देकर वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाने का प्रयास करेगा।

मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से भारत के लिए जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के अवसर पर अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने श्री विडोडा की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस कठिन समय मे जी-20 को कुशल नेतृत्व दिया है।

मोदी ने जी-20 समुदाय को बाली घोषणापत्र के अनुमोदन के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान इंडोनेशिया की सराहनीय पहल को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करेगा। भारत के लिए यह अत्यंत शुभ संयोग है कि हम जी-20 अध्यक्षता का दायित्व इस पवित्र द्वीप बाली मे ग्रहण कर रहे हैं। भारत और बाली का बहुत ही प्राचीन रिश्ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत जी-20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है जब विश्व भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी, खाद्यान्न और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों, और महामारी के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय, विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। आज मैं यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और परिणामोन्मुखी होगी।

उन्होंने कहा कि अगले एक साल मे हमारा प्रयत्न रहेगा कि जी-20 नए विचारों की परिकल्पना और सामूहिक एक्शन को गति देने के लिए एक ग्लोबल प्राइम मूवर की तरह काम करे। प्राकृतिक संसाधनों पर मालिकाना हक का भाव आज संघर्ष को जन्म दे रहा है और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बना है। पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए न्यासी का भाव ही समाधान है।

इसमें लाइफ यानि ‘पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली’ अभियान एक बड़ा योगदान दे सकता है। इसका उद्देश्य सतत जीवनशैली को एक जन-आंदोलन बनाना है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज आवश्यकता है कि विकास के लाभ सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी हों। हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। हमें अपने जी-20 के एजेंडा में महिला नीत विकास पर प्राथमिकता बनाए रखनी होगी।

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