वाशिंगटन। नामपेन्ह में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका चीन में हो रहे मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ जोरदार तरीके से आवाज उठाएगा और इसके खिलाफ प्रबलता लड़ेगा, लेकिन वाशिंगटन यह भी सुनिश्चित करेगा कि यह संघर्ष में न परिवर्तित हो जाए।
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका-चीन संबंधों पर भी टिप्पणी की और कहा कि अमेरिका चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा करेगा और वहां मानवाधिकारों के हनन के बारे में बात करेगा, जबकि बातचीत के मार्गों को खुला रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि यह प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न तब्दील हो जाए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखना बहुत आवश्यक है। इसके अलावा बाइडन ने उत्तर कोरिया की ओर से उतपन्न खतरों और यूक्रेन में रूस के हमले की भी निंदा की।
चीन और पश्चिमी देशओं का संबंध 31 अगस्त को तब खराब हो गया, जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार चीनी प्रांत शिनजियांग में मुस्लिमों विशेष रूप से उइगर और अन्य समूहों को नियमित रूप से पुनर्शिक्षा शिविरों में रखा जा रहा है और उन्हें यातना, बलात्कार, जबरन मजदूरी, गर्भपात और नसबंदी का सामना करना पड़ रहा है। कई पश्चिमी देशों ने इस आकलन का स्वागत किया लेकिन बीजिंग ने इस रिपोर्ट को चीन विरोधी दुष्प्रचार बताकर कर खारिज कर दिया।