17 सूत्रों को लागू करो, समर्थन लो : करतार भड़ाना

हरियाणा : आजकल एक नए मोर्चे की सुगबुगाहट है। हरियाणा बसरकार में पूर्व मंत्री रहे एवं वर्तमान में बसपा नेता करतार भड़ाना ने हरियाणा संघर्ष समिति का गठन किया है।

इस कमेटी का मुख्य मकसद हरियाणा का हर लिहाज से चहुंमुखी विकास करवाना है। इसके लिए भड़ाना ने 17 सूत्रीय कार्यक्रम तय किया है।

उन्होंने घोषणा की है कि हरियाणा में जो भी राजनीतिक दल उनकी समिति के 17 सूत्रों को लागू करेगा, उनकी कमेटी उसी राजनीतिक दल को अपना समर्थन देगी। हरियाणा में हर व्यक्ति को मुफ्त में 300 यूनिट तक बिजली देना भी 17 सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल है।

हाल ही में उन्होंने फरीदाबाद मे उन्होंने यह घोषणा की। भड़ाना ने कहा कि उन्होंने हरियाणा की तरक्की और लोगों को खुशहाल देखने के लिए वे अपना योगदान देना चाहते है। इसलिए उन्होंने इस संघर्ष समिति का गठन किया है।

करतार सिंह भड़ाना ने एलान किया है कि यह हरियाणा संघर्ष समिति, प्रदेश में जारी पंचायत चुनावों के बाद सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में जायेगी और जनता से समर्थन मांगेगी।

करतार भड़ाना ने अपने 17 सूत्रीय कार्यक्रम में प्रदेश के आधरभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ हरियाणा के हर व्यक्ति के आर्थिक विकास पर भी जोर दिया है।

उन्होंने कहा कि वक्त के मुताबिक आज हर परिवार का करीब एक लाख रुपए के रोजगार का बन्दोबस्त करना सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि बिना किसी तकलीफ के लोग अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। इसके अलावा भड़ाना ने शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, युवा, बुजुर्गों व मीडिया आदि को भी 17 सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल किया है।

भड़ाना का कहना है कि हरियाणा में सभी को सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज और शिक्षण संस्थान में मुफ्त शिक्षा दी जाए। प्राइवेट हॉस्पिटल्स और शिक्षण संस्थानों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को इलाज और शिक्षा देने के लिए आरक्षण का बन्दोबस्त किया जाए।

ताकि किसी भी वर्ग का व्यक्ति किसी भी प्रकार की सुविधा से वंचित न रहे। उनका कहना है कि अगर हरियाणा में सबसे ज्यादा सस्ता डीजल मिलेगा तो देशभर के लोग हरियाणा से ही डीजल खरीदेंगे। इससे सरकार को भी लाभ होगा और सस्ते डीजल के रूप में हरियाणा के लोगों को भी इसका लाभ होगा।

कौन हैं करतार सिंह भड़ाना

करतार सिंह भड़ाना, फरीदाबाद से तीन बार सांसद रहे अवतार सिंह भड़ाना के सगे भाई हैं। वे फरीदाबाद के अनंगपुर गांव के गुर्जर परिवार से आते हैं।

गुर्जरों में अच्छी पकड़ के चलते हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में दोनों भाइयों की खास राजनीतिक सक्रियता रहती है। जब उन्हें हरियाणा में सफलता मिलती नहीं दिखती तो दोनों भाई पश्चिम उत्तर प्रदेश का रुख करने से नहीं चूकते।

करतार सिंह भड़ाना, हरियाणा के समालखा विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहे। पहली बार 1996 में हरियाणा विकास पार्टी से जीते और फिर इनेलो से 2000 में विधायक बने। इनेलो में वे चौटाला की सरकार में सहकारिता मंत्री रहे, फिर उन्होंने इनेलो छोड़कर भाजपा के टिकट पर राजस्थान के दौसा से लोकसभा चुनाव लड़ा।

इसके बाद करतार सिंह ने बसपा, सपा से होते हुए चौधरी अजित सिंह की पार्टी रालोद का दामन थाम लिया। रालोद के टिकट पर वे 2012 में उप्र की खतौली सीट से जीतकर तीसरी बार विधायक बने।

हालांकि रालोद के टिकट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में वे हार गए। हाल ही में 2022 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा ने खतौली सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया। घोषित प्रत्याशी माजिद सिद्दीकी का टिकट काटकर खतौली से ही पूर्व विधायक रहे करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बना दिया, लेकिन करतार सिंह भड़ाना जीत नहीं पाए। फिर भी हरियाणा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में उनके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता। उनका कहना है कि उनका मकसद जनता जनार्दन को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें दिलवाना है। हरियाणा में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों ने करतार सिंह भड़ाना और हरियाणा संघर्ष समिति को गम्भीरता से लिया है।

 

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