देहरादून। उत्तराखंड की बेटी को इंसाफ ना मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने कैंडल मार्च निकाला।
करीब 12 साल पहले दिल्ली में काम करने वाली उत्तराखंड की 19 साल की किरण नेगी के साथ 3 आरोपियों ने बंधक बनाकर गैंग रेप करने के बाद उसके आंख और कानों में तेजाब डालकर उसके साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थी । इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था । द्वारका कोर्ट ने तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखते हुए तीनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया।
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में यह मामला करीब 8 साल चला लेकिन सोमवार 7 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। किरण नेगी के आरोपियों सुप्रीम कोर्ट से बरी हो जाने से किरण के माता पिता काफी निराश है।
वहीं इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाला । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किरण नेगी के साथ हुई घटना और सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के बरी होने पर कहा कि इस मामले में पुलिस ने जो पैरवी की वह नाकाफी थी जिस कारण आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम शर्मिंदा हैं कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय नहीं मिला है।