नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्र में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और दिल्ली के कुछ इलाकों में खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है।
शनिवार को दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता इंडेक्स 305 के करीब रहा। यह बेहद खराब श्रेणी को दर्शाता है।
आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 350, मथुरा रोड क्षेत्र में 340 जबकि नोएडा में 392 मापा गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सख्त कदम उठाया है। एनसीआर में आयोग ने वायु प्रदूषण से संबंधित नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाली 24 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
आयोग की टीम ने राजस्थान में 45 कोयला आधारित औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। 32 कोयला आधारित इकाइयां (हरियाणा में 9 और उप्र में 23) स्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। 48 इकाइयों (हरियाणा में 8 और उप्र में 40) ने स्वीकृत ईंधन में परिवर्तित होने तक अपने परिचालन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है।
एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के मुख्य उद्देश्य से आयोग ने फ्लाइंग स्क्वॉड के माध्यम से फील्ड निरीक्षण तेज कर दिया है। आयोग ने कहा है कि 6 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान ( जीआरएपी ) चरण- एक को लागू करने के बाद से एनसीआर में औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण परियोजनाओं में कुल 472 गुप्त निरीक्षण किए गए हैं और उल्लंघन करने वाली 52 इकाइयों एवं परियोजनाओं को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। बेतहाशा उल्लंघन करने वाली 24 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इनमें से पांच औद्योगिक इकाइयां अभी भी ईंधन में कोयले का उपयोग कर रही थीं।
आयोग सी एंड डी परियोजनाओं से संबंधित निर्देशों के अनुपालन की भी निगरानी कर रहा है। मानदंडों के अनुसार 500 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंड पर सी एंड डी परियोजनाओं को सीएक्यूएम के विभिन्न निर्देशों, धूल कम करने के उपायों से संबंधित नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने के अलावा रिमोट ऑनलाइन निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक है। 28 परियोजना स्थलों द्वारा अभी तक स्वयं को वेब पोर्टल पर पंजीकृत नहीं किए जाने एवं धूल नियंत्रण मानदंडों और संबंधित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किए जाने के कारण आयोग ने उन्हें बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।