न्यूयार्क । अब ट्विटर पर एलन मस्क का नियंत्रण आधिकारिक तौर पर हो चुका है। उनकी यह डील काफी समय से लंबित थी। अब ट्विटर मुख्यालय पर वह जब पहुंचे तो अपने हाथ में उन्होंने एक सिंक ले रखा था। कंपनी पर अपना नियंत्रण लेते ही उन्होंने कंपनी के प्रमुख पराग अग्रवाल और दो अन्य बड़े अधिकारियों को कंपनी से हटा दिया।
दूसरी तरफ ट्विटर ने इन घटनाक्रमों पर अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे समझा जाता है कि ट्विटर की खरीद की उनकी 44 बिलियन डॉलर की डील अब पक्की हो चुकी है। इस एक घटना के बाद इस चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाया संदेह का बादल भी छंटने लगा है।
वरना कंपनी के निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ साथ इसके निवेशक भी आगे क्या होगा, इसे लेकर चिंतित थे। अप्रैल में इस कंपनी को खरीदने पर सहमति जताने के बाद मस्क ने इस प्लेटफार्म में अनेक फर्जी खाते होने का आरोप लगाया था। बाद में यह दूसरे माध्यमों से प्रमाणित भी हुआ कि मस्क ने यह बात बिना जानकारी के नहीं कही है।
कंपनी ने अपनी तरफ से फर्जी खातों के बारे में खुलकर कभी नहीं कहा। अब पराग अग्रवाल सहित दो बड़े अधिकारियों को हटाने जाने के मस्क के एलान के बाद इस बात की चिंता बढ़ गयी है कि इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भविष्य क्या होगा।
पराग अग्रवाल के साथ जिन दो बड़े अधिकारियों को हटाया गया है, उनमें मुख्य वित्त अधिकारी नेड सेगल और नीति प्रमुख विजया गाड्डे शामल हैं। मस्क ने इस कंपनी को खरीदने का एलान करने के वक्त ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह पूर्ण पारदर्शिता के समर्थक हैं और हरेक के बोलने की आजादी के पक्षधर हैं। वह पहले ही किसी पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के कंपनी के फैसले का विरोध कर चुके हैं।
इसलिए अब इस बात की प्रतीक्षा की जा रही है कि क्या मस्क का नियंत्रण होने के बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर खाता फिर से चालू किया जाएगा। कंपनी ने पहले उन पर स्थायी प्रतिबंध लगा दिया था।
वैसे मस्क ने तमाम ट्विटर के खाताधारकों को यह संदेश भी दिया है कि बोलने की आजादी का यह अर्थ नहीं होना चाहिए कि आपके मन में जो भी आये वह आप दूसरों पर थोप दें और उसके दूसरे प्रभाव का असर खुद आप पर नहीं पड़े। अब देखना है कि इस कंपनी को अपने हाथ में लेने क बाद मस्क इसमें क्या कुछ बदलाव करते हैं।