हैदराबाद।तेलंगाना में आपरेशन लोट्स को विफल कर दिया गया है। टीआरएस ने इसका आरोप लगाते हुए कहा है कि इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के करीबी हैं और टीआरअस के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश करने वालों में से एक है।
जिनलोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है उनमें एक होटल मालिक के अलावा दिल्ली के दो लोग शामिल हैं। पुलिस तीनों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है। साइबराबाद पुलिस ने बुधवार शाम को गुप्त सूचना के आधार पर अजीज नगर के एक फार्म हाउस पर छापा मारकर इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि तीनों मुनूगोडे उपचुनाव के मद्देनजर नकदी , चेक और कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे थे। फॉर्म हाउस से तीनों की गिरफ्तारी के साथ साथ पंद्रह करोड़ रुपये बरामद किये गये हैं।
जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक होटल व्यवसायी और दिल्ली के दो अन्य लोगों को रंगेहाथ पकड़ा है, जो कथित तौर पर टीआरएस विधायकों को खरीदने आए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक टीआरएस के जिन विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई उनमें पायलट रोहित रेड्डी रेगा कंथारा व गुववाला राजू बीरम हर्षवर्धन शामिल हैं।
पुलिस कमिश्नर स्टीफन ने बताया कि टीआरएस विधायकों ने बताया कि तीन व्यक्ति उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं। वो इन्हें पैसा, कॉन्ट्रैक्ट और पोस्ट का लालच दे रहे हैं। इस शिकायत के बाद जांच के आदेश दे दिये गये और पुलि स कार्रवाई में लग गई। दिल्ली के रामचंद्र भारती , डेक्कन प्राइड होटल के मालिक नंदू, सोमया जुलुस्वामी और दो अन्य लोगों ने कथित तौर पर टीआरएस के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश की है।
टीआरएस के सोशल मीडिया के संयोजक सतीश रेड्डी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें होटल व्यवसायी नंदू की ओर इशारा किया गया और आरोप लगाया गया कि ये केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के करीबी हैं और टीआरअस के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश करने वालों में से एक है। टीआरएस के प्रवक्ता कृष्णक ने इस पूरे मामले में भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा कि एक बात बहुत स्पष्ट है कि केसीआर के विधायक बिकने के लिए नहीं है।
इधर भाजपा ने सैकड़ों करोड़ रुपए और कॉन्ट्रैक्ट की पेशकश की । पुलिस कमिशनर के मुताबिक फरीदाबाद के एक मंदिर से जुड़े और दिल्ली में रहने वाले रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा , हैदराबाद के नंद कुमार और तिरुपति के एक अन्य व्यक्ति ने कथित तौर पर टीआरएस के विधायकों को हैदराबाद में दलबदल के लिए सहमत होने पर नकद, ठेकेदारी और पद देने का आफर दिया था।