देहरादून। बालावाला-शमशेरगढ़ क्षेत्र में लंबे समय से दहशत का पर्याय बना गुलदार को आखिरकार वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया। गुलदार को पकड़ने के बाद फिलहान चिकित्सकों की निगरानी में रायपुर रेंज में रखा गया है। वन क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी ने कहा कि अधिकारियों के अग्रिम निर्देश के तहत ही गुलदार को जंगल में छोड़ा जायेगा।
पिछले एक महीने से भी लंबे समय से लगभग डेढ़ साल का गुलदार तुनवाला, रांझावाला, नथुवावाला, शमशेरगढ़ और बालावाला क्षेत्र में दहशत का पर्याय बना हुआ था। अंधेरा होते ही गुलदार शिकार की तलाश में पॉश कालोनियों में धमक जाता था। गुलदार की मौजूदगी से इस पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था और अंधेरा होते ही लोग अपने घरों के अंदर बंद होने के लिए विवश हो रहे थे।
गुलदार पहले रांझावाला नेगी कालोनी में लगभग एक माह पहले पहली बार देखा गया था। इसके बाद वह तुनवाला के साथ ही अगल-अलग जगह पर नजर आने लगा। स्थानीय लोगों की शिकायत पर रायपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम भी गुलदार के पीछे पड़ी थी।
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने काफी मेहनत की लेकिन वन विभाग ने जहां-जहां भी जाल व पिंजडे़ लगाये, गुलदार उस इलाके से दूसरे इलाके में चला गया। बुधवार की रात गुलदार की मौजूदगी शमशेरगढ़ सैनिक कालोनी में देखी गई। सूचना के बाद वन विभाग ने पूरे क्षेत्र को घेर दिया ।
आज सुबह वन विभाग शिव विहार कालोनी में देखा गया । गुलदार को देखते हुए चारों तरफ से शोर होने लगा और गुलदार बीच में एक तोर के खेत में छिप गया। इसके बाद वन विभाग ने जाल-पिंजरा लगाया मगर गुलदार सबको झांसा देकर पास ही एक घर के स्टोर रूम में घुस गया। इसके बाद वन विभाग कर्मियों ने कमरे में घुसे गुलदार को मालसी जू के चिकित्सक डॉ. प्रदीप मिश्रा की मदद से ट्रेंकुलाइज किया ।
उसके बाद वन कर्मियों ने गुलदार को जाल में फंसाया और फिर पकडक़र घर के बाहर रखे पिंजरे के भीतर डाला। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान घटना स्थल के चारों तरफ गुलदार को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई थी और वन विभाग कर्मियों को गुलदार को ले जाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
वन क्षेत्राधिकारी राकेश नेगी ने बताया कि गुलदार को फिलहाल रायपुर रेंज कार्यालय में चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है और अधिकारियों के दिशा-निर्देश के बाद गुलदार को जंगल में छोड़ दिया जायेगा।