इस्लामाबाद।पाकिस्तान के स्वात घाटी के एक शहर में काफी समय से जारी खोज में एक प्राचीन बौद्ध मंदिर मिला है। इसे दुनिया के सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह दुनिया में अब तक खोजे गए सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक हो सकता है। यहां सिक्के, गहने, मूर्तियों सहित 2,000 से ज्यादा कलाकृतियां मिली है।
यह मंदिर उत्तरी पाकिस्तान की स्वात घाटी में मिला है। यह इलाका प्राचीन गांधार क्षेत्र का हिस्सा है जिसे सिकंदर ने जीत लिया था। वैसे याद दिला दें कि इसके बगल में ही अफगानिस्तान के बामियान में भी विशाल आकार की बौद्ध शिलाएं थी, जिसे तालिबान ने अपने पहले के शासन के दौरान विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया था। अब इन दो सूचनाओं से यह साफ है कि प्राचीन काल में यहां बौद्ध आबादी थी।
पुरातत्वविदों का मानना है कि यह मंदिर दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य का है। यह वो समय था जब गांधार पर उत्तरी भारत के इंडो-यूनानी साम्राज्य का शासन था। इस मंदिर को बने बौद्ध मंदिर के ऊपर बनाया गया था जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का इसका मतलब है कि लोगों ने बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम की मृत्यु के कुछ सौ सालों के अंदर ही, पुराना मंदिर बनाया होगा।
गौतम बुद्ध करीब 563 ईसा पूर्व और 483 ईसा पूर्व के बीच, अब के उत्तरी भारत और नेपाल में रहते थे। यह मंदिर शहर बारीकोट के केंद्र में मिला है। मंदिर की खुदाई के अवशेष 10 फीट से ज्यादा ऊंचे हैं। अवशोषों में एक मंच भी है जिसके ऊपर एक बेलनाकार संरचना है, जिस में एक गुंबद के आकार का बौद्ध स्मारक है, जिसे स्तूप कहा जाता है। इस मंदिर परिसर में एक छोटा स्तूप, भिक्षुओं के लिए एक कक्ष, एक सीढ़ी, एक स्मारक स्तंभ, बड़े कमरे और एक सार्वजनिक आंगन भी शामिल है।
वेनिस की काफोस्करी यूनिवर्सिटी और में पुरातत्वविद लुकामारिया ओलिविएरी ने पाकिस्तानी और इटली के सहयोगियों के साथ इस जगह की खुदाई की। इनका कहना है कि रेडियो कार्बन डेटिंग से इस जगह के सटीक समय का पता चलेगा। लेकिन बारिकोट का मंदिर साफ तौर से प्राचीन गांधार क्षेत्र में पाए जाने वाले सबसे पुराने बौद्ध स्मारकों में से एक है।
इटली के पुरातत्वविद जो 1955 से स्वात में काम कर रहे थे, उन्होंने 1984 में बारीकोट में खुदाई शुरू की थी। शोधकतार्ओं का कहना है कि कुछ साल पहले तक, बारिकोट शहर के दक्षिण- पश्चिमी जिले और एक्रोपोलिस में ही खुदाई हुई, सिटी सेंटर में नहीं। नया खोजा गया मंदिर शहर के केंद्र में है। टीम ने 2019 में वहां खुदाई शुरू की थी। लुटेरों द्वारा बनाए गए गड्ढों से ये लग रहा था कि वहां कुछ खास दफ्न हो सकता है। मंदिर एक प्राचीन सड़क के किनारे स्थित था जो प्राचीन शहर के मुख्य बौद्ध स्मारक की तरफजाता था। यह एक 65 फुट चौड़ा स्तूप है जिसके बारे में कुछ साल पहले ही पता चला था।