प्रधानमंत्री ने अयोध्या में दीपोत्सव का किया उदघाटन

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम अयोध्या में दीपोत्सव का उदघाटन किया। इस मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूं तो प्रभु श्री राम अयोध्या के राजा थे लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम के तौर पर उन्होंने जो संदेश दिये वह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है।

इस नाते हमें उनके त्याग और आदर्शों को हमेशा याद रखना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मर्यादापुरुषोत्तम की वजह से अयोध्या की पहचान कर्तव्यनगरी के रूप में होनी चाहिये। उन्होंने अयोध्या के लोगों से खास अपील की कि वे यहां आने वाले हर व्यक्ति का विशेष ध्यान रखें।

श्री मोदी ने कहा कि अब अयोध्या आने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जायेगी, जैसे श्रीराम ने सभी को अपनाया वैसे ही अयोध्यावासी यहां आने वाले हर व्यक्ति को अपनायें। राम भारत की उस भावना के प्रतीक हैं, जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयंसिद्ध हो जाते हैं।

यही हमारे संविधान का भी संदेश है। कि भगवान राम जिस किसी भी भूमिका में रहे, उन्होंने कर्तव्यों के पालन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव सिर्फ दीया जलाने का पर्व नहीं है, यह हमारी प्राचीन संस्कृति और सनातनी जीवनपद्धति का प्रतीक है। इसके जरिए यह भी बताया गया है कि इससे साबित होता है कि हमेशा असत्य पर सत्य की जीत होती है।
दीपोत्सव के लिए वहां सरयू के घाट पर पहले से ही तैयारियां कर ली गयी थी। प्रतीकात्मक तौर पर श्री मोदी द्वारा दीप प्रजज्वलन के साथ साथ वहां लाखों दीप एक साथ जल उठे। इससे पूरे घाट पर एक स्वर्गीय आनंद का नजारा बन गया। इस कार्यक्रम को देखने आये श्रीराम के भक्तों के अलावा हजारों की संख्या में पर्यटक भी वहां पर मौजूद थे, जिन्होंने इस दृश्य का आनंद उठाया।
मोदी ने इससे पहले श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान पर मंत्रोच्चार के बीच रामलला के दर्शन पूजन किये। इसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा भी की और रामलला की आरती उतारी। रामलला के मंदिर में दीप जलाने के बाद उन्होंने जेब से निकालकर दानपत्र में दान भी दिया।

उसके बाद श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला का हो रहे भव्य मंदिर का निर्माण का बड़ी बारीकी के साथ घूम-घूम करके देखा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अयोध्या में छठे दीपोत्सव के आयोजन में हिस्सा लेने के लिये साकेत महाविद्यालय में बने हैलीपेड पर पहुंचे। यहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

रूसी कलाकार निभा रहे हैं राम और सीता की भूमिका

रूस की रामलीला वहां के रंगमंच के कलाकारों के लिए आस्था का केंद्र है। कलाकारों की मानें तो वे राम के चरित्र से प्रेरणा लेकर ही निरंतर बढ़ रहे हैं। उन्होंने राम को आदर्शों की जिया है। रूस की रामलीला में इलदार खुसनुललीन मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम की भूमिका निभाएंगे।

मिलाना बयचोनेक मां सीता, नादेजदा सिंह कौशल्या, रती कोसिनोवा सुमित्रा, मर्गरीता कोसिनोवा बानर, गुलनारा इसकाकोवा कैकेयी, अलेक्सी फ्लेयजनिकाव लक्ष्मण, वयचीसलाव चेरन्याश रावण की भूमिका निभाएंगे। कुशनेरोवा दारिया हनुमान व भरत, देनिश शेवतसोव दशरथ व आर्टेम जुबकोव सुग्रीव के किरदार में अभिनय करेंगे।

भारत-रूसी मैत्री संघ के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि योगी सरकार ने उन्हें भारत में मंच दिलाया। 4 से 6 नवंबर तक 2018 में अयोध्या दीपोत्सव में उनकी पहली प्रस्तुति हुई। इसके बाद प्रयागराज में उन्हें 2019 कुंभ में अभिनय के लिए मंच मिला। 2017 से शुरू हुए दीपोत्सव में प्रतिवर्ष विदेशी कलाकार रामलीला करते रहे हैं। इस बार भी 8 देशों के कलाकार रामनगरी में रामलीला करेंगे। इनमें रूस, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, फिजी, नेपाल और त्रिनिडाड व टोबैगो के कलाकार प्रमुख हैं।

 

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