रोमानिया।इस देश में इससे पहले कभी भी अमेरिकी सेना नहीं आयी थी। लेकिन अब अमेरिकी सेना का 101वीं एयर बोर्न यूनिट जहां पर तैनात है वहां से यूक्रेन की सीमा चंद मील की दूरी पर है। इससे साफ है कि परिस्थितियां बदलने पर अमेरिकी सेना तुरंत ही इस युद्ध में हस्तक्षेप करने के लिए खुद को तैयार कर चुकी हैं।
इसी वजह से उस खास सैन्य टुकड़ी को यहां लगाया गया है जो पहले से ही हर किस्म के माहौल के युद्ध के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किये गये हैं। इस टुकड़ी की विशेषता यह है कि यह एक घंटे के भीतर ही दुनिया में कहीं भी खुद को युद्ध के मैदान में उतार सकती है।
यहां पर भी युद्धाभ्यास के लिए वे अपने आधुनिक हथियार लेकर आये हैं। अभ्यास के दौरान जो गोली और गोले चल रहे हैं, वे भी असली ही हैं। इस युद्धाभ्यास के लिए मोर्चे पर भेजे गये वरीय सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर जनरल जॉन लुबास और अन्य लोग यूक्रेन की सीमा के बिल्कुल करीब ही हेलीकॉप्टर से भी उड़ान भरते हैं।
इनकी उड़ान के दौरान वे उस स्नेक आइलैंड को भी दूर से देख आते हैं, जिसके लिए बड़ा युद्ध हुआ था। कुल मिलाकर यह सैन्य टुकड़ी नाटो की अंतिम सीमा पर तैनात है। जहां पर इस विशेष प्रशिक्षण प्राप्त सैनिकों का शिविर है, वह यूक्रेन की सीमा से तीन मील की दूरी पर है।
यानी युद्ध भड़कने की स्थिति में यह सैनिक तुरंत ही यूक्रेन के अंदर प्रवेश करने की तैयारी से ही यहां जमे हुए हैं। रूसी सेना की प्रारंभ से ही यह रणनीति रही है कि वह समुद्री रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दे। यह नाटो के सदस्य देश रोमानिया के बिल्कुल करीब है।
इस वजह से रोमानिया भी सतर्क मुद्रा में है। रोमानिया में अमेरिकी सेना स्थानीय सैनिकों के साथ ही नियमित तौर पर युद्धाभ्यास कर रही है। वहां पर अभी कई हजार अमेरिकी सैनिक तैनात किये जा चुके हैं। अपने साथ यह सैनिक टैंक, तोप, हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान भी लाये हैं। इन सभी को किसी भी पल में आदेश मिलते ही असली युद्ध में उतरने के लिए तैयार कर लिया गया है।