हैदराबाद। राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा आंध्रप्रदेश तक पहुंचते ही यह साफ हो गया कि गैर भाजपा शासित गैर कांग्रेसी राज्य की सरकारें भी इस यात्रा से परेशान है। इस राज्य में कई स्थानों पर राज्य पुलिस का आचरण यात्रा के दौरान हंगामा खड़ा करने का रहा।
इन पुलिस वालों ने यात्रा के साथ चल रही मीडिया के साथ भी काफी बदसलूकी की। इसके बाद भी यह स्पष्ट होता जा रहा है कि जिन राज्यों के आम नागरिकों से मिलते हुए राहुल गांधी आगे बढ़ रहे हैं, वहां कांग्रेस को इससे लाभ मिल रहा है। आंध्रप्रदेश की बात करें तो पिछले आठ सालों से कांग्रेस यहां सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। वर्ष 2009 के बाद से पार्टी को इस राज्य में निराशा ही हाथ लगी है।
अब इस राज्य के एक सौ किलोमीटर की यात्रा से पार्टी पुनर्जीवित होती दिखने लगी है। कुछ इसी तरह तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, तेलेंगना में भी होता नजर आया है। तीन दिनों तक आंध्र के रास्तों से गुजरने के बाद राहुल गांधी फिर से कर्नाटक की सीमा में वापस चले जाएंगे और दिवाली के अवकाश के बाद आगामी 27 अक्टूबर को फिर से तेलेंगना में प्रवेश करेंगे।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां की 42 सीटों में से 33 पर जीत हासिल की थी, जिससे यूपीए की सरकार के गठन में काफी मदद मिली थी। उसके बाद राज्य विभाजन की वजह से आंध्रप्रदेश और तेलेंगना दोनों ही कांग्रेस के हाथ से निकल गये।
तेलेंगना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और इन राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा के समन्वयक एन उत्तर कुमार रेड्डी मानते हैं कि इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ जुड़ रहे हजारों की भीड़ से ही माहौल के बदलने का एहसास होता है। साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता भी इस बदली हुई परिस्थिति से उत्साहित हैं।
खुद राहुल गांधी ने भी कई अवसरों पर यह स्वीकार किया है कि इस यात्रा से पार्टी को फायदा हो रहा है। उनके मुताबिक पार्टी के नेता भी जनता के उत्साह को देखकर कई स्थानों पर हैरान हुई हैं। इसलिए यह कांग्रेस के लिए अपनी खोयी जमीन को वापस पाने का एक नया मौका लेकर आया है।