नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश में चहुंमुखी विकास हो रहा है और आजादी के 75 वर्षों में हासिल की गई अनगिनत उपलब्धियों की नींव वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान पर खड़ी है। श्री शाह ने शुक्रवार को यहां ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह बात कही।
श्री शाह ने कहा , आज भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और आजादी के 75 साल बाद हम संतोष से कह सकते हैं कि हम अपने गंतव्य की ओर निश्चित रूप से दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ और द्रुत गति से आगे बढ़ रहे हैं। देश द्वारा हासिल की गई अनगिनत उपलब्धियों की नींव में देश के वीर जवानों का सर्वोच्च बलिदान है।
उन्होंने कहा कि देशभर के पुलिस बलों और केन्द्रीय पुलिस बलों के 35000 से ज्यादा जवानों ने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन सभी शहीद जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की रक्षा के लिए दिया गया जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश इसी प्रकार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस बल कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं और इसी कारण भारत जैसा विशाल देश विकास के रास्ते पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में पूरी दुनिया ने कोविड महामारी का सामना किया है और इस महामारी से निपटने के लिए पूरे देश द्वारा किए गए सामूहिक प्रयासों में पुलिसबलों के जवान सबसे आगे रहे हैं।
पुलिसकर्मियों ने जान की परवाह किए बिना लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर पीड़तिों को हर संभव सहायता पहुंचाने और लॉकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपनी जिम्मेदारियां बहुत अच्छे तरीके से निभाई हैं। इन्हीं संगठित प्रयासों का परिणाम है कि देश कोविड महामारी के कठिन दौर से सफलता के साथ बाहर आ गया है।
शाह ने कहा कि विगत वर्षों में आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में बहुत सकारात्मक बदलाव आया है। पहले पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से आए दिन हिंसक घटनाओं के समाचार आते थे। लेकिन पिछले 8 सालों में उत्तर पूर्व में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के स्थान पर वहां के युवाओं को अपने उज्जवल भविष्य के लिए विशेष अधिकार दिये जा रहे हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में 70% से ज्यादा कमी एक खुशहाली का संकेत है। इसी प्रकार जम्मू कश्मीर में भी कभी युवाओं द्वारा पत्थरबाजी हुआ करती थी लेकिन आज वही युवा पंच और सरपंच बनकर लोकतांत्रिक तरीके से जम्मू कश्मीर के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी पहले बहुत सारी हिंसक घटनाएं हुआ करती थी लेकिन आज वहां एकलव्य स्कूलों में राष्ट्रगान होता है और हर घर में तिरंगा फहराया जाता है ।
श्री शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अनेक कदम उठाए हैं और उन कदमों को नीचे तक ले जाने का काम देशभर के पुलिसबलों और सीएपीएफ ने किया है। उन्होंने कहा कि आज देश के अधिकांश ‘हॉटस्पॉट’ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गए हैं। उन्होंने कहा