देहरादून । बहुविषयक यूनिवर्सिटी, यूपीईएस ने अपने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित ‘सस्टेनेबिलिटी फेयर 2022’ का समापन कर लिया है। चार दिनों तक चले इस आयोजन का उदघाटन 11 अक्टूबर को हुआ था, जिसका थीम था ‘सुरक्षित, मजबूत और अनुकूल शहर तथा समुदाय’।
विदाई सत्र में मुख्य अतिथि थे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत। उनके साथ प्रो-वाइस चांसलर डॉ. राम शर्मा, रजिस्ट्रार मनीष मदान, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन डॉ. गुरविंदर विर्क और सस्टेनेबिलिटी क्लस्टर की फैकल्टी भी मौजूद थी।
मुख्य अतिथि के द्वारा पुरस्कार वितरण का भी एक सत्र था, जिसमें विभिन्न स्कूलों तथा कॉलेजों के विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित अनुकूलता परियोजना के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गए।
विदाई सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 2003 में यूपीईएस की स्थापना से लेकर अब तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उसके योगदानों पर बधाई दी और कहा कि, ‘’अपने संसाधनों का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है और मुझे खुशी है कि यूपीईएस ने अनुकूल रहन-सहन की आवश्यकताओं पर चर्चा करने, अत्याधुनिक शोध दिखाने और एक बेहतर कल के लिये जरूरी अनुकूल समाधानों की चर्चा के लिये एक मंच निर्मित किया है। यूपीईएस शोध से चलने वाली यूनिवर्सिटी है और उसने 2021 एवं 2022 के दौरान 2000 से अधिक शोधपत्रों का लक्ष्य निर्धारित किया है।
यह यूनिवर्सिटी भारत की शीर्ष यूनिवर्सिटीज में 65वें स्थान पर भी रही है, जो कि शिक्षा के लिये उसकी प्रतिबद्धता का एक बड़ा प्रमाण है और मुझे यूपीईएस से और भी बेहतरीन कामों की उम्मीद है।
चार दिनों की समिट में स्पेन, डेनमार्क, श्रीलंका, इंडोनेशिया, आदि समेत दुनिया के विभिन्न भागों के संस्थानों और संस्थाओं ने भाग लिया और अपना कार्य दिखाया। उनका काम शहरी योजना, उद्योग, प्रदूषण, हरित ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन, बायोरिफाइनरी, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर केन्द्रित था और उसमें निम्नलिखित शामिल थे।
दुनियाभर के वैज्ञानिकों के 20 से ज्यादा समग्र और मूल नोट
275 से ज्यादा पत्रों की प्रस्तुति
180 से ज्यादा पोस्टर्स की प्रस्तुति
परियोजना प्रदर्शन प्रतियोगिता (राइस) के लिये स्कूलों और कॉलेजों के 150 से ज्यादा विद्यार्थी
भारत के विभिन्न भागों से 50 से ज्यादा एक्जिबिटर्स
विभिन्न कार्यक्षेत्र विशेषज्ञों द्वारा संचालित 10 से ज्यादा कार्यशालाएं
यूपीईएस सस्टेनेबिलिटी फेयर 2022 का वित्तपोषण, उसमें सहयोग और भागीदारी पंजाब नेशनल बैंक (टाइटल पार्टनर), डीएसटी-एसईआरबी, इंटरनेशनल वाटर असोसिएशन (आईडब्ल्यूए), स्प्रिंगर नेचर, अमेरिकन केमिकल सोसायटी (एसीएस), डीएचआई, सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी ऐंड गुड गवर्नेंस (सीपीपीजीजी) और उत्तराखण्ड सरकार की रही।
यूपीईएस के विषय में:
उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस अधिनियम, 2003 के माध्यम से 2003 में स्थापित यूपीईएस, यूजीसी से मान्यता-प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी ने ग्रेड ‘ए’ प्रत्यायित किया है।
शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने भारत के कॉलेजों और संस्थानों के बीच यूपीईएस को 65वां स्थान दिया है। भारत में यूपीईएस का स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग 61वें, प्रबंधन संस्थानों के बीच स्कूल ऑफ बिजनेस 41वें और स्कूल ऑफ लॉ 21वें नंबर पर है।
इस यूनिवर्सिटी को पिछले कुछ वर्षों में 90% से अधिक नियुक्तियों के कारण वैश्विक मान्यता-प्राप्त क्यूएस रेटिंग से रोजगार-योग्यता (प्लेसमेंट्स) में 5-स्टार्स मिले हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम्स की पेशकश करती है: स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेस एण्ड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज।