उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा टू में एवलांच हादसे के 11वें दिन डोकरानी एडवांस बेस कैंप से एक और पर्वतारोही का शव हेलीकॉप्टर से मातली लाया गया। इसके बाद पर्वतारोही के शव को जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
हादसे में अब तक कुल 27 शवों को मातली लाया जा चुका है, जिनको परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है। हादसे का शिकार दो पर्वतारोही अभी लापता हैं। जिनकी तलाश में फिलहाल रेस्क्यू लगातार जारी है। मौसम साफ रहने पर अगले 48 घंटों के भीतर लापता पर्वतारोहियों के शव मिलने की उम्मीद है।
डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से मौसम खराब रहा। जिस कारण यहां रेस्क्यू कार्य में काफी दिक्कतें हुई। खराब मौसम के बीच रेस्क्यू बाधित होने से पर्वतारोही का शव लगभग एक सप्ताह से घटनास्थल से बेस कैंप तक नहीं लाया जा सका।
आखिरकार शुक्रवार को 11वें दिन सुबह करीब 1.3 मौसम साफ होने पर मृतक पर्वतारोही सौरव बिस्वास पुत्र निमाई बिस्वास, निवासी वेस्ट बंगाल का शव हेलीकॉप्टर से मातली लाया गया। यहां से शव को जिला अस्पताल भेजा गया। अस्पताल से शव को परिजनों के सुपुर्द करने की कार्यवाही चल रही है।
बता दें कि द्रौपदी डांडा टू में हुए एवलांच हादसे में 27 पर्वतारोहियों की मौत हुई, जबकि दो अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश में रेस्क्यू जारी है। एवलांच में कुल 29 पर्वतारोही दबे थे। नीम के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि अगले 48 घंटों में लापता पर्वतारोहियों का पता भी लगा लिया जाएगा।
घटना स्थल पर निम के 5 प्रशिक्षक, 35 पोर्टर, हवास व भारतीय सेना के जवान रेस्क्यू में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि लापता पर्वतारोहियों के शव जल्द ही मिल जाएंगे, लेकिन खराब मौसम के कारण दिक्कत आ रही 1