देहरादून।सहकारी बैंकों में बड़े लोन फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने की कवायद हो गई है। अब एक करोड़ से ऊपर के लोन देने के लिए शासन से मंजूरी लेनी होगी। सरकार ने बैंकों को यह प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिए हैं।
राज्य में सहकारी मिनी बैंक, जिला सहकारी बैंक समेत राज्य सहकारी बैंकों की ओर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। करोड़ों के बड़े लोन कई बैंकों के स्तर से संयुक्त रूप से भी दिए जाते हैं।
लगातार शिकायतें आ रही हैं कि ऋण देने में तय मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है।
जितना लोन लेना होता है, उससे डेढ़ गुना अधिक कीमत की संपत्ति गिरवी रखनी होती है। जो सर्किल रेट का डेढ़ गुना होनी चाहिए। पिछले कुछ सालों में बहुत कम सिक्योरिटी और कई बार तो बिना सिक्योरिटी के फर्जी कागजों के आधार पर ही ऋण दे दिए गए। जिसे बाद में वसूलना मुश्किल हो गया।
ऐसे मामलों में अब सख्ती के साथ रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। गाइड लाइन बनाई जा रही है कि एक करोड़ से ऊपर के लोन मंजूर करने से पहले शासन की मंजूरी लेनी होगी।