बच्चों ने सर्व शिक्षा अभियान, कौशल विकास से होगा बेहतर भविष्य विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता में किया प्रतिभाग
देहरादून । सरस मेला के चौथे दिन जिला प्रशासन , ग्राम्य विकास विभाग की ओर से आपका बिजनेस सोल्यूशंस देहरादून के समन्वय से आयोजित सोशल अवेयरनेस प्रोग्राम के अतर्गत एनडीएस ऋषिकेश की छात्र, छात्राओं ने चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। जिसकी थीम थी सर्व शिक्षा अभियान और कौशल विकास से होगा बेहतर भविष्य।
सोशल अवेयरनेस प्रोग्राम की मुख्य अतिथि और गेस्ट स्पीकर रहीं, रूचि मोहन रयाल (आई.ए.एस) अपर सचिव कौशल विकास , उत्तराखंड, जिनका स्वागत किया। आपका बिजनेस सोल्यूशंस की संस्थापिका डॉ. कंचन नेगी ने पुष्पगुच्छ एवं शौल भेंट कर किया, जिसके उपरांत, रूचि मोहन रयाल ने बच्चों को, कौशल विकास के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में 103 आईटीआई हैं और इनमें प्रवेश के बारे में भी जानकारी दीं । साथ ही मेक इन इण्डिया, स्किल इंडियाके बारे में भी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यदि आईटीआई के बाद पोलिटेकनिक का डिप्लोमा पूर्ण करने के उपरान्त, इंजीनियरिंग में लेटरल एंट्री प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कई सफलता की कहानियों के बारे में भी बताया।
भारत को युवाओं का देश कहा जाता है ऐसे में यह बेहद जरुरी हो जाता है की वे अपने स्किल्स का विकास करें ताकि उसके माध्यम से वे खुद के जीवन में बदलाव लाने के साथ देश को भी आर्थिक रूप से मजबूती ला सकें।
कौशल भारत अभियान का उद्देश्य स्वयं सफल बनाने के साथ साथ भारत से बहु-आयामी समस्याओं का निराकरण करना भी है। इस मिशन का उद्देश्य,जरुरी ट्रेनिंग के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास को जगाना है जिससे कि उनके उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इस योजना के माध्यम से सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के साथ साथ शिक्षण संस्थाएँ भी सम्मलित होकर कार्य करती हैं।
शोध एवं विकास विशेषज्ञ, डॉ.कंचन नेगी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि युवा शक्ति का सर्वोतम उपयोग तभी संभव हैं जब युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास, एवं खोज की प्रवृति जागृत हो। इसी उद्देश्य से 15 जुलाई 2015 को भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम युवा कौशल दिवस मनाया था,तथा पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। केंद्र एवं राज्य सरकार का लक्ष्य बहुत तेज गति से बड़ी संख्या में कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध करवा कर भारत को विश्व में मानव संसाधन की राजधानी बनाना हैं , जिसके लिए सभी का योगदान देना आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. कंचन नेगी ने रुचि रयालको स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।