एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार ने हमेशा सकारात्मक रुख अपनाया

जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय इन्वेस्ट राजस्थान समिट का एमएसएमई कॉन्क्लेव के साथ आज यहां समापन हो गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा ‘‘एमएसएमई क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने हमेशा सकारात्मक रुख अपनाया है। हमें विश्वास है कि मजबूत एमएसएमई सेक्टर से राज्य में और अधिक रोजगार एवं विकास होगा।

शिक्षा, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा, संसाधनों के अतिरिक्त राज्य में लागू नीतियों एवं प्रोत्साहनों जैसे निरंतर प्रयासों से राजस्थान एमएसएमई उद्योगों के लिए उभरता हुआ केंद्र बन गया है। ये एमएसएमई उद्यमी कल के बड़े उद्योगपति बनेंगे।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने अपने संबोधन में कहा कि एमएसएमई सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बहुत ही जीवंत क्षेत्र है। राज्य मे मौजूदा उद्योगों में अधिकांश उद्योग एमएसएमई श्रेणी में आते हैं। इनमें वस्त्र, शिल्प, खनन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण धातु, फुटवियर, जैने अनेक उद्योग इस कैटेगरी में आते है।

एमएसएमई उद्योग सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर राजस्थान स्माल इंडस्ट्रीज कॉर्पाेरेशन के चेयरमेन, राजीव अरोड़ा ने कहा कि देश की जीडीपी में एमएसएमई की 31 प्रतिशत और निर्यात में 48 प्रतिशत भागीदारी है।

एमएसएमई पर आयोजित इस कॉन्क्लेव के दौरान साझा की गई जानकारी अत्यंत आवश्यक है। इस मौके मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि एमएमएमई को औद्योगिक विकास की बैकबॉन माना जाता है। प्रदेश के विकास में एमएमएमई अहम भूमिका निभा रहा है।

प्रदेश में छह लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जिनसे 37 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों द्वारा गत वित्त वर्ष में 72 हजार करोड़ का निर्यात किया गया है। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में नीति लाई गई।

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