पालनपुर । जापान के सहयोग से बन रहे पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) में डबल स्टेक कंटेनर के भार को वहन करने के लिए जापान से आयातित उच्च क्षमता वाली पटरियां लगायी गयी हैं।
भारतीय डीएफसी निगम लिमिटेड के उच्च अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को पश्चिमी डीएफसी के पालनपुर – मेहसाणा चडोतर के करीब 75 किलोमीटर के खंड के उद्घाटन के पहले संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
सार्वजनिक उपक्रम के मुख्य महाप्रबंधक मनीष अवस्थी और समूह महाप्रबंधक विनोद भाटिया ने कहा कि डीएफसी पर दो मंजिला यानी डबल स्टेक कंटेनर वाली 12 हजार टन लोड वाली गाड़यिों के परिचालन के लिए 25 टन एक्सेल लोड वाली पटरियां बिछाई गई हैं।
ये पटरियां ग्रेड 1080 की हैं जो जापान से आयातित हैं। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार 1080 ग्रेड वाली पटरियां पश्चिमी डीएफसी पर लगाई गई हैं। भारतीय रेल की सभी लाइनों एवं पूर्वी डीएफसी पर ग्रेड 880 की पटरियां लगाई गई हैं जो स्वदेश निर्मित हैं।
भाटिया ने बताया कि पालनपुर-मेहसाणा चडोतर खंड को मिला कर पश्चिमी डीएफसी की 1506 किलोमीटर में से करीब 49 प्रतिशत यानी 734 किलोमीटर लाइन यातायात के लिए खोल दी गई है। जबकि मेहसाणा से साणंद के 77 किलोमीटर के खंड भी तकरीबन बन कर तैयार हो गया है।
कुछ फिनिशिंग कार्य बचा है। उन्होंने कहा कि डीएफसी में आटोमैटिक सिग्नल प्रणाली लगायी गयी है। मालगाड़ियों की तेज गति बनाए रखने के लिए दो सिग्नलों के बीच की दूरी दो किलोमीटर रखी गई है। श्री अवस्थी ने कहा कि पश्चिमी डीएफसी पर मालगाड़ी 75 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक की गति पर परिचालित की जा रही हैं और औसत गति 65 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक है जबकि भारतीय रेलवे की सामान्य लाइनों पर मालगाड़ियों की औसत गति 25 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम है।
टउन्होंने मेहसाणा पालनपुर चडोतर खंड के बारे में बताया कि 62.15 किलोमीटर का खंड मेहसाणा से पालनपुर के बीच है और पालनपुर से चडोतर के 14.34 किलोमीटर का लिंक है। उन्होंने कहा कि इस खंड के खुलने से मुंद्रा, कांदला, नवलेखी, जामनगर, पोरबंदर और पिपावाव, इन छह बंदरगाहों से मालवहन और आसान हो जाएगा।