नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि ईंधन पर कर लगाकर सरकार 28 लाख करोड़ रुपए की कमाई कर चुकी है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने के बावजूद वह डीजल-पेट्रोल की कीमतें न घटाकर महंगाई के इस दौर में जनता को लूटने में लगी है।
कांग्रेस प्रवक्ता अंशुल अविजित ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महंगाई का मुख्य कारण ईंधन की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट का फायदा देश की जनता को नहीं दिया जाना है। यह देश के गरीबों के साथ अन्याय है और सरकार अपनी जेब भरकर गरीबों के साथ अन्याय कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस साल जून में अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 116 डालर प्रति बैरल थी जो अब घटकर 84 डालर पर आ गई है। देश में महंगाई का एक मुख्य कारण ईंधन की बढ़ती कीमत है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में 37 प्रतिशत गिरावट के बाद भी देश में कम नहीं हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि देश में ऐसा क्यों हो रहा है कि गरीब और गरीब हो रहे हैं तथा अमीर और अमीर बन रहा है। उनका कहना था कि ऐसा लगता है कि सरकार अर्थव्यवस्था के व्यापक प्रबंधन करने में असफल हो रही है। उसे पता ही नहीं है कि अर्थव्यवस्था में व्यापक प्रबंंधन क्या होता है और उसे संभाला कैसे जा सकता है।
मई 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 106 डालर प्रति बैरल था, जिस कारण दिल्ली में पेट्रोल 71 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था। ईंधन की कीमत बढ़ाकर सरकार 2016 से अब तक करीब 28 लाख करोड़ की कमाई कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि सवाल है कि सरकार ने जो कमाई की है वह पैसा जा कहां रहा है। यह सरकार सीमा शुल्क घटाकर ईंधन के दाम कम क्यों नहीं कर रही है। पहले वित्त मंत्री कहतीं थीं कि यूक्रेन युद्ध चल रहा है इसलिए कीमत कम नहीं कर सकते लेकिन युद्ध तो अब भी जारी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत कम हो गई है, फिर कीमतें कम क्यों नहीं की जा रही हैं। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक अगर रुपए में 5 प्रतिशत की गिरावट आती है तो महंगाई 20 बेसिस पॉइंट्स बढ़ जाती है।