अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने विधानसभा को सूचित किया है कि राज्य सरकार ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बढ़ते चलन को देखते हुए अगरतला में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जांच विंग स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।
कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए डॉ. साहा ने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत 19 गंभीर मामले हाल ही में त्रिपुरा पुलिस अपराध शाखा के तहत गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ वर्षों में युवाओं और छात्रों के बीच मादक पदार्थों का उपयोग कई गुना बढ़ गया है और पड़ोसी बंगलादेश और अन्य भारतीय राज्यों के लिए त्रिपुरा मादक पदार्थों की तस्करी के लिए एक गलियारा बन गया है।
उन्होंने कहा, एक फुल-बॉडी स्कैनर (निषिद्ध वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को स्कैन करने के लिए) की खरीद के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में, छह विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्तों को नशीली दवाओं के खिलाफ अभियान में इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि सरकार नशीली दवाओं की लत को समाप्त करने के लिए और अधिक उपकरण खरीदने की योजना पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2010 के बाद से नशा विरोधी अभियान में 291 मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही 2020 में 557 मामले, 2021 में 352 मामले और 690 गिरफ्तारियां जबकि इस साल अब तक 399 मामले दर्ज और 542 गिरफ्तार किए गए हैं।