कोलंबो ।आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका से हर घंटे 32 नागरिक रोजी रोटी और बेहतर भविष्य की तलाश में अन्य देशों का रूख कर रहे हैं। ‘नेशनल मूवमेंट फॉर जस्ट सोसाइटी’ के चेयरमैन कारू जयसूर्या ने सोमवार को प्रकाशित एक अखबार में यह सनसनीखेज खुलासा किया है।
उन्होने कहा कि पुट्टलम जिले के चिलाव में पिछले आठ महीनों में 500 से अधिक डॉक्टर देश छोड़कर जा चुके हैं। उन्होने कहा आर्थिक मोर्चे पर व्याप्त निराशा के भाव से श्रीलंकाई नागरिकों का देश के प्रति मोहभंग हो रहा है और यही कारण है कि सैकड़ों की तादाद में इंजीनियर और बुद्धिजीवी अन्य देशों का रूख कर चुकें हैं।
उनको लगता है कि ऐसा करने से वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ साथ उनका भविष्य भी सुरक्षित कर सकेंगे।जयसूर्या ने कहा , श्रीलंका में विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण, माता-पिता अब अपने बच्चों के साथ विदेश जाने के लिए अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ये देश के तेजी से पतन के संकेत हैं।
कोई देश इस तरह से विकसित या समृद्ध नहीं हो सकता है। प्रत्येक नागरिक को इन मुद्दों की गहरी समझ होनी चाहिए। जयसूर्या ने लोगों से अपील की कि वे देश में जारी आर्थिक संकट को देखते हुये हर रोज आने वाली दिक्कतों जैसे बिजली कटौती, ईंधन और विदेशी मुद्रा की कमी, कृषि और उद्योग का पतन और मछुआरों की समस्यायों पर ध्यान दें।