नयी दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमित कुमार घोष ने कहा है कि देश में भले ही स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र तेज रफ्तार से बढ़ रहा है लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में अपार अवसर हैं।
इन्हें अब तक उद्यमियों द्वारा अनदेखा किया गया है। श्री घोष ने राजधानी में आयोजित दो दिवसीय उद्यमी वार्षिक सम्मेलन 2022 के उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में स्टार्टअप इंडिया की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष देश में 43 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन गए, जबकि वर्ष 2020 में सिर्फ नौ थे। अब तक वर्ष 2022 में 20 से अधिक स्टार्टअप ने एक अरब डॉलर के मूल्यांकन क्लब में प्रवेश किया है। श्री घोष का विचार है कि बड़ी संख्या में स्टार्टअप बड़े पैमाने पर कुछ क्षेत्रों में केंद्रित हैं जिससे वे अन्य बड़े अवसरों से चूक जाते हैं।
उन्होंने कहा,कुछ क्षेत्रों में जैसे शिक्षा तकनीक, फिनटेक और सास जैसे स्टार्टअप्स की प्रधानता है। कई क्षेत्रों में बेहतरीन अवसर हैं लेकिन हमें वहां स्टार्टअप नहीं दिख रहे हैं।
स्टार्टअप इकोसिस्टम में मजबूत वृद्धि और देश में यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा,‘‘ हम नवाचार और उद्यमिता के नवयुग की शुरुआत में हैं।
कार्यक्रम में एंटरप्रेन्योर मीडिया (एपीएसी एंड इंडिया) की मुख्य संपादक रितु मर्या ने कहा, भारत का वर्चस्व बढ़ रहा है, जिसमें पूरी दुनिया देश में रुचि रखती है। दुनिया भारत में निवेश करना चाहती है।
उनका विचार था कि पेटीएम और जोमैटो सहित कई भारतीय स्टार्टअप इतने परिष्कृत हैं कि वे दुनिया को समाधान दे सकते हैं। सुश्री मार्या ने कहा, अब समय आ गया है कि इन संगठनों को और अधिक वैश्विक सोचने की जरूरत है, क्योंकि उनके उत्पाद वास्तव में उच्च स्तर के हैं जिन्हें केवल भारतीय बाजार तक ही सीमित रहने की आवश्यकता नहीं है।