हल्द्वानी । राज्य आंदोलनकारी एवं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने दावा किया है कि उन्होंने यूएस नगर जिला सहकारी बैंक में चर्तुथ श्रेणी भर्ती घोटाले के सारे सबूत सहकारिता सचिव बीवीआर पुरुषोत्तम को सौंप दिए हैं।
उन्होंने बताया कि सचिव को एक फौजी का वीडियो भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीएम से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
मंगलवार को डा. उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने सहकारिता सचिव को हल्दुआ, सितारगंज, किच्छा, भंगा हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के विवरण सौंप दिए हैं। उ
मंगलवार को डा. उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने सहकारिता सचिव को हल्दुआ, सितारगंज, किच्छा, भंगा हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के विवरण सौंप दिए हैं। उ
न्होंने बताया कि हल्दुआ ग्राम के पूर्व सैनिक सतीश ने अपने परिजनों की नौकरी लगाने के लिए बैंक के विभिन्न पदों पर बैठे रसूखदार अधिकारियों को 11.3 लाख रुपये रिश्वत देने की बात की है। उन्होंने कहा कि लगातार आश्वासनों के बाद भी न तो उनके बच्चों को नौकरी मिली और न हीं रुपया वापस मिल रहा है।
उन्होंने दावा किया है कि ऊधमसिंह नगर जिला सहकारी बैंक चतुर्थ श्रेणी भर्ती में जमकर धांधली व धनबल का प्रयोग हुआ है। एक ही क्षेत्र विशेष के दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत पूर्व से ही भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों से ही जांच करा रहे हैं। जबकि खुद विभागीय मंत्री घोटाले के केंद्र में हैं। वे अपने तथा भ्रष्ट अधिकारियों के आरोपितों को बचाने के लिए पूरे मामले को रफा-दफा करने की जुगत में लगे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सहकारी बैंक घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए। यदि सरकार शीघ्र जांच नहीं कराती है तो क्षेत्र की जनता तथा बेरोजगारों को साथ लेकर एक वृहद आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि नैतिकता के आधार पर घोटालेबाज मंत्रियों से इस्तीफा लेकर बेरोजगारों के साथ न्याय करें तथा देवभूमि उत्तराखंड को कलंकित होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि यदि सीएम ने इस तरह के घोटालेबाजों को सजा नहीं दी तो उत्तराखंड का युवा माफ नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत पूर्व से ही भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों से ही जांच करा रहे हैं। जबकि खुद विभागीय मंत्री घोटाले के केंद्र में हैं। वे अपने तथा भ्रष्ट अधिकारियों के आरोपितों को बचाने के लिए पूरे मामले को रफा-दफा करने की जुगत में लगे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सहकारी बैंक घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाए। यदि सरकार शीघ्र जांच नहीं कराती है तो क्षेत्र की जनता तथा बेरोजगारों को साथ लेकर एक वृहद आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि नैतिकता के आधार पर घोटालेबाज मंत्रियों से इस्तीफा लेकर बेरोजगारों के साथ न्याय करें तथा देवभूमि उत्तराखंड को कलंकित होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि यदि सीएम ने इस तरह के घोटालेबाजों को सजा नहीं दी तो उत्तराखंड का युवा माफ नहीं करेगा।