अंतरजातीय प्रेम विवाह करने वाले उपपा दलित नेता की हत्या

पुलिस ने पत्नी के सौतेले माता-पिता व भाई को किया गिरफ्तार

अल्मोड़ा। भिकियासैंण में अंतरजातीय प्रेम विवाह करने पर ससुराल वालों ने उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित नेता जगदीश चंद्र की हत्या कर दी।

घटना के बाद पूरे क्षेत्र में वर्ग संघर्ष की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भिकियासैंण को छावनी में तब्दील कर दिया है। हालांकि, पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शव पोस्टमार्टम के लिए रानीखेत भेज दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सल्ट के पनुवाधौखन निवासी जगदीश चंद्र पुत्र केश राम और भिकियासैंण निवासी गीता उर्फ गुड्डी ने बीते 21 अगस्त को गैराड़ा मंदिर में प्रेम विवाह किया था।

शादी से पहले गुड्डी अपने सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह, भावना पत्नी जोगा सिंह के साथ रहती थी। दोनों का प्रेम विवाह गुड्डी के सौतेले भाई और पिता को रास नहीं आया।

बृहस्पतिवार को जगदीश के ससुराल वालों ने जगदीश चंद्र को भिकियासैंण में पकड़ लिया था। उसके बाद वह लोग जगदीश चंद्र का एक गाड़ी से अपहरण कर ले गए। उसके बाद बेरहमी से जगदीश की हत्या कर दी। सूचना पर पुलिस और राजस्व की टीम ने देर शाम गाड़ी से जगदीश का लहूलुहान शव बरामद कर लिया।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने बताया कि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से जगदीश चंद्र दो बार विस चुनाव लड़ चुके हैं। तहसीलदार निशा रानी ने बताया कि पूरे मामले की जा जांच की जा रही है।

आरोपी पकड़ लिए गए हैं। मामले को देखते हुए सल्ट भतरौंजखान आदि क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंच गई हैं। किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो इसलिए सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस राजस्व पुलिस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।

मृतक जगदीश चंद्र ने 2022 में सल्ट विस से उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह प्लंबर का कार्य करता है और क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी है, उसकी छवि को देखते हुए पार्टी का टिकट भी दिया था।

इधर, एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने बताया कि शव बरामद कर लिया गया है। हत्या करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद नहीं हो सका है हालांकि उन्होंने बताया कि किसी हथौड़ी नुमा हथियार के प्रहार से जगदीश की हत्या हुई है।

 फिर याद आया कफल्टा नरसंहार

जिले के सल्ट में प्रेम विवाह करने पर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित नेता जगदीश चन्द्र की हत्या के बाद उत्तराखंड में दलित बनाम सवर्ण का मसला एक बार फिर गर्म हो गया है। जिले के सल्ट में ही सालों पहले कफल्टा नरसंहार हुआ था। उस घटना ने पूरे देश में हलचल पैदा की थी।

तब तत्कालीन गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह को भी मौके पर पहुंचे पड़ा था। उत्तराखण्ड के इतिहास की सबसे काली तारीखों में से एक है 9 मई 1980। इसी दिन कफल्टा नाम के एक छोटे से गांव में दलितों की बारात में शामिल 14 दलितों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पूरे देश की मीडिया में अल्मोड़ा जिला सुर्खियों में रहा था।

पुलिस ने  लिया होता संज्ञान तो बच सकती जान

दलित नेता जगदीश चंद्र की पत्नी गीता उर्फ गुड्डी ने 27 अगस्त को एसएसपी अल्मोड़ा प्रदीप कुमार राय को शिकायती पत्र देकर अपनी और अपने पति जगदीश को सौतेले पिता जोगा सिंह एवं सौतेले भाई गोविंद सिंह से जान का खतरा बताया था।

इसलिए दोनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन, गीता उर्फ गुड्डी के पत्र को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। जिसका अंजाम जगदीश चंद्र को जान गंवाकर भुगतना पड़ा।

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