पलायन रोकने के लिए कृषि क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता
Need for practical training in agriculture to stop migration
नयी दिल्ली। कौशल विकास और उद्यमिता सचिव राजेश अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि इससे ग्रामीण युवाओं के शहरों की ओर पलायन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
अग्रवाल ने यहां भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) द्वारा ‘कृषि से आत्मानिर्भर भारत’ के विषय पर कोरोना महामारी के बाद आयोजित पहले कृषि कौशल सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए मशीनीकरण और स्वचालन की आवश्यकता पर बल दिया। कृषि क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण युवाओं के शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि स्थानीय क्षेत्रों में स्थायी अवसरों के लिए युवाओं को फिर से प्रशिक्षित और नियोजित करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के लिए बेहतर काम करने वाली लीक से हटकर सोच और समाधान समय की आवश्यकता है।
एएससीआई के अध्यक्ष मनीष मानसिंगका ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुशल कार्यबल की आवश्यकता पर जोर दिया जो कृषि क्षेत्र की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सके। उन्होंने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और स्थिरता के लिए नई तकनीक विकसित करने पर बल दिया।
इस बारे में उन्होंने विशेष रुप से कृषि-तकनीक, कृषि डिजिटलीकरण, कृषि-आधारित ई-कॉमर्स और वैकल्पिक ऊर्जा जैसे क्षेत्रों का उल्लेख किया। उन्होंने पिछले एक वर्ष में एएससीआई की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने दोहराया कि एएससीआई मानव संसाधन को कुशल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखेगा और सरकार की ‘कृषि से आत्मानिर्भर’ पहल में सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
उन्होंने समूची खेती प्रक्रिया को जोखिम मुक्त बनाने और इसे टिकाऊ बनाने के लिए युवाओं को सही व्यावहारिक कौशल और आधुनिक कौशल देने पर जोर दिया। सम्मेलन में कृषि क्षेत्र में कौशल प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने तथा नए अवसरों से संबंधित प्रासंगिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
कृषि क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर ज़रूरी.