एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया वैश्विक स्तरपर अधिकतम मनुष्यों को मच्छरों से मलेरिया सहित अनेक प्रकार की बीमारियां होती है यह जानकारी है, परंत पिछले दो वर्षों से दुनिया में कहर बनकर बरसी कोविड महामारी से डब्लयूएचओ सहित दुनिया के सभी स्वास्थ्य मंत्रालयों को गंभीरता से सचेत रहने पर मजबूर किया है इसीलिए हर संक्रामक बीमारी पर आज सचेत रहने की जरूरत है।
चूंकि हर वर्ष 20 अगस्त 2022 को विश्व मच्छर (मलेरिया) दिवसमनाया गया है इसीलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से मच्छरों और उनके द्वारा जनित बीमारियों की चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम मच्छर की करें तो, मच्छर नाम एक स्पेनिश शब्द से आया है जिसका अर्थ है छोटी मक्खी । मूल रूप से मच्छर मधुमक्खियों के समान पौधे के अमृत पर भोजन करते हैं। आमतौर पर हम मानते हैं कि मच्छर इंसानों को इसलिए काटते हैं क्योंकि उन्हें इंसानों का खून पीने की जरूरत होती है, लेकिन यह सच नहीं है।
दरअसल, मादा मच्छर अंडे देने से पहले अपने अंडे के विकास में मदद करने के लिए खून चूसती हैं। नर मच्छर खून बिल्कुल नहीं खाते।
साथियों जीवित रहने के लिए केवल मादा मच्छर ही खून पर निर्भर करती हैं।
नर मच्छर फूलों के अमृत या अन्य उपयुक्त चीनी स्रोतों पर भोजन करते हैं। मच्छरों द्वारा रक्त खींचने के लिए उपयोग की जाने वाली तेज सूंड ने दवा में उपयोग की जाने वाली बेहतर, कम दर्दनाक हाइपोडर्मिक सुइयों के डिजाइन को प्रेरित किया है।
अधिकांश कीड़ों के विपरीत, मच्छर प्रकाश की ओर नहीं, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड की ओर आकर्षित होते हैं। इससे उन्हें संकेत मिलता है कि स्वादिष्ट रक्त वाला स्तनपायी पास में है। नर और मादा मच्छर अपने पंखों की धड़कन को अपने साथी के साथ सिंक्रनाइज़ करते हैं।
पृथ्वी पर किसी भी अन्य जानवर की तुलना में मच्छरों से अधिक मौतें होती हैं।मच्छरों को बैक्टीरिया और पसीने की गंद अपनी तरफ आकर्षित करती है जिस वजह से वो इंसानों के पैरों में सबसे ज्यादा काटते हैं।
साथियों दिखने में मामूली कीट लगने वाले मच्छर,खून चूसने वाले वे कीट हैं, जो मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के जनक हैं। आज तक मलेरिया के लिए कोई वैक्सीन नहीं बन सका है। अंटार्कटिका को अपवाद मान लें तो दुनिया भर में मलेरिया का आतंक छाया हुआ है। सहारा अफ्रीका, दक्षिण एशिया और कैरिबियन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में मच्छर जनित मलेरिया चिंता का विषय बना हुआ है।
साथियों बात अगर हम विश्व मच्छर दिवस के महत्व की तरह तो, चूंकि आम जनता को स्वस्थ रहने की आदतों और अपने घरों के आसपास मच्छरों के प्रजनन से बचने के सरल तरीकों के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है, इसलिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है।इस दिनकी प्राथमिक गतिविधि लोगों को मलेरिया के प्रसार और मच्छरों से होने वाली अन्य घातक बीमारियों के बारे में सावधानी बरतने में सहायता कर रही है । विश्व मच्छर दिवस मलेरिया के कारण होने वाली बीमारियों से लड़ने में स्वास्थ्य अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों के प्रयासों को रेखांकित करता है।लोग उन्हें शिक्षित करने, जागरूकता पैदा करने और मच्छर पैदा करने वाली बीमारियों को रोकने के बारे में प्रचार करने के लिए इस दिन एकत्रित होते हैं। कई धर्मार्थ ट्रस्ट और संगठन लोगों को मच्छरदानी, कॉइल और कुनैन वितरित करने में मदद करते हैं, खासकर उन परिवारों में जिनमें छोटे और वृद्ध नागरिक हैं।
साथियों बात अगर हम मच्छरों से होने वाले रोगों की करें तो
मच्छरों से होने वाली कुछ सामान्य बीमारियां हैं- मलेरिया , एक परजीवी के कारण होता है, जो एनोफिलीज मच्छर द्वारा फैलता है।
साथियों जीका , एक वायरल बीमारी, एडीज मच्छर से फैलती है जो दिन में काटता है। जीका के सबसे आम लक्षण बुखार, दाने, जोड़ोंमें दर्द औरनेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आंखें) हैं। रोग के लक्षण कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं। गर्भावस्था के दौरान, जीका गंभीर जन्म दोष माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों का कारण बनता है, जिसे जन्मजात जीका सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। दुर्लभ मामलों में, जीका से गुइलेन बैरे सिंड्रोम भी हो सकता है । चिकनगुनिया , एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के माध्यम से फैलता है, सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी पैदा करता है। वेस्ट नाइल वायरस विभिन्न प्रजातियों द्वारा प्रेषित होता है, ज्ञात प्राथमिक प्रजाति क्यूलेक्स पिपियंस है । कुछ फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और दुर्लभ मामलों में स्थायी स्नायविक क्षति या मृत्यु भी हो सकती है।
साथियों बात अगर हम मच्छरों द्वारा पैदा की जाने वाली बीमारियों से बचाव की करें तो, मच्छरों की आबादी का जल्द पता लगाने के लिए वेक्टर निगरानी की जानी चाहिए ताकि प्रारंभिक चरण में उन्हें नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जा सकें। सभी पानी के कंटेनरों को ढककर पानी की टंकियों, कंटेनरों, कूलर, पक्षी-स्नान आदि को खाली और सुखाकर मच्छरों के प्रजनन का उन्मूलन , यानी खुले स्थानों से वर्षा जल एकत्र करने वाली वस्तुओं को त्यागना, बंद गटर और सपाट छतों की जाँच करना जिनमें खराब जल निकासी हो सकती है।सजावटी पानी की टंकियों /बगीचों या आस-पास के तालाबों में लार्वा वाली मछलियों को शामिल करने से बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
साथियों बात अगर हम विश्व मच्छर दिवस 2022 की थीम और भारत की करें तो, थीम है, मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें विषय के तहत मनाया गया। जहां तक भारत में मलेरिया के हालिया आंकड़ों की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत दुनिया का अकेला देश है, जहां 2018 के मुकाबले 2019 में मलेरिया में 17.6 फीसदी की कमी आई है. लेकिन हमें मलेरिया मुक्त होना है, तो मच्छरों पर नियंत्रण रखना होगा, तभी विश्व मच्छर दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।