हरिद्वार।उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में हो रही भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं। बरसात के चलते मैदानी इलाकों में भी गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
जिसके चलते हरिद्वार में गंगा को आज सुबह खतरे के निशान के ऊपर बहते देखा गया। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गंगा के किनारे रहने वाले लोगों से गंगा किनारे ना जाने की अपील की जा रही है।
पहाड़ों में हो रही बरसात के कारण गंगा नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है। जिसने सिंचाई विभाग के साथ जिला प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है। हालांकि सुबह 8 बजे खतरे के निशान से गंगा का जलस्तर 294.5 मीटर दर्ज किया गया।
जिससे निचले इलाकों में भारी तबाही की आशंका पैदा हो गई। गनीमत रही कि गंगा का जलस्तर करीब नौ बजे घटकर 293.95 मीटर आ गया। जबकि 293 मीटर चेतावनी का लेबल है तथा 294 खतरे का निशान है। गंगा के लगातार बढ़ते व घटते जलस्तर को देखते हुए उत्तराखंड सिंचाई विभाग जिला प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए हुए है।
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे के निर्देश पर गंगा किनारे स्थित तमाम बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी को भी गंगा के किनारे जाने की अनुमति न दी जाए। क्योंकि गंगा कभी भी मैदानी इलाकों में विकराल रूप धारण कर तबाही मचा सकती है।
एसडीओ कैनाल एसके कौशिक ने बताया कि हरिद्वार में गंगा नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी आयी है, लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जो कभी भी मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है। हमारी पूरी नजर गंगा के वाटर लेवल पर बनी हुई है।
जलस्तर की जानकारी प्रशासन व पुलिस के साथ लगातार साझा की जा रही है ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा जा सके। वहीं गंगा नदी में बरसात के कारण आ रही गाद के चलते हरकी पैड़ी सहित गंग नहर को बंद कर दिया गया है।