10 साल में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच करायी जाएगी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि भर्ती में घपले को खोलने के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है और जरूरत पड़ी तो पिछले 10 साल में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच करायी जाएगी। यह जानकारी भाजपा प्रवक्ता रविंद्र जुगरान ने दी है।

जुगरान ने आज भर्ती प्रकरण में मुख्यमंत्री धामी के साथ हुई मुलाकात के दौरान इस मामले की सीबीआई जांच कराने की जरूरत बतायी। दोनों नेताओं के बीच इस मामले में विस्तार से बात हुई और जुगरान ने सीबीआई जांच की आवश्यकता के बाबत तार्किक तरीके से बात रखी।

प्रदेश प्रवक्ता व वरिष्ठ पार्टी नेता रविन्द्र जुगरान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कहा कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए सरकार इस पूरे मामले की सीबीआई जांच का विकल्प खुला रखे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपने पर विचार किया जाना चाहिए।

जुगरान ने कहा कि एसटीएफ के अधिकारी आला पुलिस अधिकारियों, नौकरशाहों, रसूखदार लोगों और प्रभावशाली लोगों से पूछताछ नहीं कर पायेंगे। बकौल जुगरान सीएम धामी ने बताया कि उनकी बात को धैर्यपूर्वक सुनने के बाद आश्वस्त किया कि सरकार ने सभी विकल्प खुले रखे हैं।

फिलहाल सरकार एसटीएफ की जांच से संतुष्ट हैं, भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर सरकार उत्तराखंड के हित में व भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

बकौल जुगरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि सीबीआई को भी पेपर लीक प्रकरण की जांच करने के लिए राज्य सरकार संस्तुति करने पर विचार कर सकती हैं और यह जांच दस वर्ष पूर्व से भी करवाने की संस्तुति की जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी की परत खुलने लगी हैं और एसटीएफ की ओर से ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। भाजपा के कार्यकर्ता रहा जिला पंचायत सदस्य हाकिम सिंह इस मामले के मास्टर मास्टर माइंड के रूप में अभी तक सामने आया है और अब देखना यह है कि हाकिम को इस काम के लिए किसी सफेदपोश नेता का आशीर्वाद भी था या नहीं।

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